एंटीलिया केस में जांच के दौरान रोजाना नए-नए खुलासे हो रही है. अब सामने आ रहा है कि सचिन वझे ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के पुराने साथियों की मदद ली थी. बताया जा रहा है कि ऐसा उन्होंने खुद की पोल खुलते हुए देख एजेंसियों को गुमराह करने के लिए किया. यह
ये सवाल इसलिए उठा है क्योंकि तिहाड़ जेल से जैश-उल-हिंद के नाम से एक टेलीग्राम मैसेज आया, जिसमें विस्फोटक लगाने की जिम्मेदारी का दावा किया गया था, उसके तार अंडरवर्ल्ड से जुड़ते नजर आ रहे हैं. जांच में पता चला है कि जेजे शूट आउट से जुड़े एक बड़े गैंगस्टर ने उसमें मदद की है.
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25 फरवरी को स्कॉर्पियो मिलने के बाद जब ATS ने भी जांच शुरु की और वझे की पोल खुलती नजर आयी तभी जैश-उल-हिंद के नाम से एक टेलीग्राम संदेश आया था, जिसमें विस्फोटक लगाने की जिम्मेदारी ली थी. उस मैसेज में क्रिप्टो करंसी से पैसे की मांग भी की गई थी. लेकिन बाद में टेलीग्राम से ही जैश-उल-हिंद के नाम से एक और संदेश आया, जिसमें पहले वाला फर्जी बताया गया.
बाद में मुंबई पुलिस ने दावा किया कि एक प्राइवेट एजेंसी की जांच में पता चला है कि धमकी भरा संदेश जिस आईपी से जनरेट हुआ है उसकी लोकेशन तिहाड़ जेल है. बताते हैं कि खुद मुम्बई पुलिस आयुक्त ने दिल्ली पुलिस को पत्र देकर सूचित किया. जिसके बाद दिल्ली के स्पेशल सेल ने तिहाड़ जेल में छापा मारकर इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी तहसीन अख्तर के पास से मोबाइल फोन बरामद किया. इंडियन मुजाहिदीन का नाम आते ही शक पुख्ता होता दिखा.
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक तहसीन से कस्टडी में पूछताछ की गई लेकिन उसने कोई भी मैसेज भेजने से मना किया. अब पता चल रहा है कि उसी सेल में अंडरवर्ल्ड का भी एक गुर्गा बंद है और उसी ने तहसीन के करीब जाकर टेलीग्राम से धमकी भरा संदेश भेजा ताकि शक तहसीन पर जाए.
साथ ही ये भी पता चला है कि उसे इस काम के लिए अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहीम के साथी और जेजे शट आउट में शामिल एक गैंगस्टर ने कहा था. एजेंसी अब इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या सचिन वझे ने अपने को बचाने के लिए अंडरवर्ल्ड की मदद ली और किसके जरिये.
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