दक्षिण कश्मीर हिमालय स्थित गुफा मंदिर के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था बालटाल और नुनवान आधार शिविरों से रवाना होने के साथ शनिवार को वार्षिक अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई. श्रद्धालु 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा तक की कठिन यात्रा करें. यात्रा 48 किलोमीटर (किमी) लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और 14 किमी लंबे बालटाल मार्ग से शुरू हुई. अमरनाथ यात्रा के लिए ये दोनों पारंपरिक मार्ग हैं. अधिकारियों ने बताया कि दोनों मार्गों पर तीर्थयात्रियों के जत्थों को संबंधित उपायुक्तों तथा पुलिस एवं नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने रवाना किया. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार सुबह जम्मू के भगवती नगर स्थित यात्री निवास आधार शिविर से 4,603 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया.
#WATCH | J&K: A large number of pilgrims en route from Baltal to Holy Amarnath cave. pic.twitter.com/u9hdwn7c95
— ANI (@ANI) June 29, 2024
तीर्थयात्री दोपहर में कश्मीर घाटी पहुंचे, जहां प्रशासन और स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया. तीर्थयात्री गुफा मंदिर में बर्फ से बने शिवलिंग की पूजा-अर्चना करेंगे. यात्रा के सुचारू संचालन के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं. सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के लिए पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और अन्य अर्धसैनिक बलों के हजारों सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. यात्रा 19 अगस्त को संपन्न होगी.
इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए तीन लाख पचास हजार से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण कराया है. पवित्र गुफा तक पहुंचने के दोनों मार्गों पर 125 सामुदायिक लंगर स्थापित किए गए हैं और 6,000 से अधिक स्वयंसेवक श्रद्धालुओं की सहायता कर रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया , ‘‘28 जून से 19 अगस्त तक विभिन्न मार्गों पर यातायात प्रतिबंध लगाए जाएंगे तथा लोगों की असुविधा को कम करने के लिए नियमित रूप से परामर्श जारी किया जाएगा.''
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