अमरनाथ यात्रा के लिए तत्‍काल टोकन व्‍यवस्‍था: कहां कराएं रजिस्‍ट्रेशन, क्‍या है पूरा प्रोसेस, कैसी दिक्‍कतें?

एडवांस कोटा बढ़ाने के बावजूद, हर किसी को टोकन मिल पाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में, यदि आप भी बिना पंजीकरण के अमरनाथ यात्रा पर जाने की सोच रहे हैं, तो तत्काल टोकन व्यवस्था को समझना बेहद जरूरी है.

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अमरनाथ यात्रा

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  • अमरनाथ यात्रा 2025 का शुभारंभ हो चुका है, जिसमें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है.
  • जो ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करा पाए हैं, उनके लिए तत्काल टोकन व्यवस्था भी है.
  • टोकन प्राप्त करने के लिए जम्मू में कई केंद्र बनाए गए हैं, जहां भारी भीड़ उमड़ रही है.
  • पंजीकरण के लिए आधार कार्ड, फोटो और मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट आवश्यक हैं.
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नई दिल्‍ली:

Amarnath Yatra 2025: पवित्र अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ हो चुका है और बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. भले ही कई श्रद्धालुओं ने पहले से ऑनलाइन पंजीकरण करा लिया हो, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे भक्त भी हैं, जो ऐसा नहीं कर पाएं. ऐसे में तत्काल टोकन व्यवस्था (Amarnath Yatra Tatkal Token System) के भरोसे जम्मू पहुंच रहे हैं. इन श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण केंद्रों पर लंबी कतारें और अनिश्चितता का माहौल है, जहां वे घंटों इंतजार के बाद भी टोकन पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

प्रशासन की ओर से एडवांस कोटा बढ़ाने के बावजूद, हर किसी को टोकन मिल पाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में, यदि आप भी बिना पंजीकरण के अमरनाथ यात्रा पर जाने की सोच रहे हैं, तो तत्काल टोकन व्यवस्था को समझना बेहद जरूरी है.

Q1: तत्काल टोकन व्यवस्था क्या है और क्‍या प्रोसेस है?

तत्काल टोकन व्यवस्था उन श्रद्धालुओं के लिए है जिन्होंने पहले से अमरनाथ यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कराया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन देश भर से आने वाले गैर-पंजीकृत श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए यह व्यवस्था चलाता है. इसके तहत, यात्रा के लिए एक सीमित संख्या में टोकन जारी किए जाते हैं, जो 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर मिलते हैं. यह व्यवस्था इसलिए ज़रूरी है ताकि अप्रत्याशित भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और यात्रा को व्यवस्थित व सुरक्षित तरीके से संपन्न कराया जा सके.

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Q2: तत्काल टोकन कहां और कैसे प्राप्त करें?

तत्काल टोकन प्राप्त करने के लिए मुख्य केंद्र जम्मू रेलवे रोड पर स्थित सरस्वती धाम है. यहां श्रद्धालुओं को सबसे पहले टोकन लेना होता है. टोकन प्राप्त करने के लिए मेडिकल चेकअप अनिवार्य है, जिसके बाद ही रजिस्ट्रेशन के लिए टोकन जारी किया जाता है. प्रशासन की ओर से विभिन्न मार्गों (पहलगाम और बालटाल) के लिए निर्धारित संख्या में टोकन वितरित किए जाते हैं.  

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Q3: तत्काल टोकन के बाद पंजीकरण की क्या प्रक्रिया है?

तत्काल टोकन प्राप्त करने के बाद, श्रद्धालुओं को निर्धारित केंद्रों पर जाकर अपना पंजीकरण पूरा कराना होता है:

  • वैष्णवी धाम, जम्मू: सामान्य श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख ऑफलाइन पंजीकरण केंद्र.
  • पंचायत भवन महाजन, जम्मू: यह भी सामान्य श्रद्धालुओं के लिए एक और ऑफलाइन पंजीकरण केंद्र है.
  • पुरानी मंडी स्थित राम मंदिर और गीता भवन: साधु-संतों के लिए विशेष पंजीकरण केंद्र.
  • ई-केवाईसी सेंटर (रेलवे स्टेशन और बेस कैंप भगवती नगर, जम्मू): साधु-संतों के लिए ई-केवाईसी और आरएफआईडी कार्ड से संबंधित प्रक्रियाएं यहीं पूरी की जाती हैं.

Q4: कौन-से डॉक्‍यूमेंट्स जरूरी और कितने पैसे लगेंगे?

पंजीकरण के लिए आधार कार्ड, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) अधिकृत डॉक्टर से प्राप्त मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट, और यात्रा एप्लिकेशन फॉर्म जैसे आवश्यक दस्तावेज साथ रखने होते हैं. पंजीकरण शुल्क भारतीय नागरिकों के लिए ऑफलाइन ₹220 प्रति व्यक्ति है.

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Q4: तीर्थयात्रियों को किन दिक्कतों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

  • भीड़ और लंबी कतारें: टोकन पाने के लिए आधी रात से ही कतारों में लगना पड़ता है, जिससे घंटों इंतजार और धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ता है.
  • सीमित टोकन: प्रशासन द्वारा एडवांस कोटा बढ़ाने के बावजूद, हजारों की संख्या में बिना पंजीकरण के पहुंचे सभी श्रद्धालुओं को टोकन नहीं मिल पाते, और कई लोग मायूस होकर लौट जाते हैं.
  • अव्यवस्था: टोकन से वंचित श्रद्धालु प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठाते दिखे हैं, क्योंकि उन्हें कई-कई दिनों तक खुले आसमान के नीचे या बसों में रहने को मजबूर होना पड़ता है और बार-बार कतारों में खड़ा होना पड़ता है.
  • अनिश्चितता: टोकन मिलने और पंजीकरण होने तक एक अनिश्चितता बनी रहती है, जिससे श्रद्धालुओं को मानसिक और शारीरिक परेशानी हो सकती है.

Q5: क्या बिना पंजीकरण के अमरनाथ यात्रा पर जाना संभव है?

नहीं, बिना वैध पंजीकरण के अमरनाथ यात्रा पर जाना संभव नहीं है. सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह अनिवार्य है कि सभी यात्रियों के पास RFID कार्ड और पंजीकरण पर्ची हो. जिन श्रद्धालुओं ने पहले ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कराया है, उन्हें जम्मू में स्थापित तत्काल पंजीकरण केंद्रों पर जाकर तत्काल टोकन प्राप्त करना और फिर अपना ऑफलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है.

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अमरनाथ यात्रा के दो रूट 

अमरनाथ यात्रा के दो रूट हैं. पहलगाम रूट लगभग 48 किलोमीटर लंबा है, जिसमें 3 दिन का समय लगता है. यह रास्ता अपेक्षाकृत आसान है, जिसमें खड़ी चढ़ाई कम है और धार्मिक मान्यता अधिक है. वहीं, बालटाल रूट लगभग 14 किलोमीटर लंबा है, जिसमें 1 से 2 दिन का समय लगता है. यह रास्ता छोटा है, लेकिन इसमें खड़ी चढ़ाई और संकरे मोड़ होते हैं, जो इसे अधिक चुनौतीपूर्ण बनाते हैं. ये युवाओं और कम समय वाले लोगों के लिए उपयुक्त है.

देशभर में ऑफलाइन पंजीकरण केंद्र 

जम्मू के अलावा, देशभर में 533 से अधिक नामित बैंक शाखाओं में भी ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है. इनमें पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, जम्मू-कश्मीर बैंक और यस बैंक की शाखाएं शामिल हैं.  

सुरक्षा और व्यवस्था के व्‍यापक इंतजाम 

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं. इसमें आधार शिविर, मेडिकल कैंप, ऑक्सीजन बूथ, और भोजन की व्यवस्था शामिल है. सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां चप्पे-चप्पे पर तैनात रहती हैं.

ये सुनिश्चित करना अहम है कि आप अपनी यात्रा शुरू करने से पहले सभी आवश्यक दस्तावेजों और पंजीकरण प्रक्रियाओं को पूरा कर लें ताकि आपकी अमरनाथ यात्रा सुरक्षित और सफल हो सके.