कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों द्वारा पंजाब के 9000 में से 15000 रिलायंस जियो को टावरों को कथित रूप नुकसान पहुंचाया है. इन सभी ने काम करना बंद कर दिया है, टेलीकॉम कंपनी के एक प्रतिनिधि ने NDTV को बताया कि पंजाब में टावरों के साथ तोड़फोड़, बिजली की गड़बड़ी या जनरेटर की चोरी के कारण कई जगह सेवा प्रभावित हुई है.
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में मोबाइल टावरों के साथ छेड़छाड़ और दूरसंचार सेवाओं को बाधित करने के खिलाफ आज कड़ी चेतावनी दी और पुलिस से ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने को कहा.
पिछले हफ़्ते से, किसान रिलायंस के खिलाफ गुस्सा निकाल रहे हैं, बिजली की आपूर्ति बंद कर रहे हैं, दूरसंचार टावरों के केबल काट रहे हैं और मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली फर्म के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुँचा रहे हैं, जिसे कृषि कानूनों के प्रमुख लाभार्थियों में से एक के रूप में देखा जा रहा है. जालंधर में Jio की फाइबर केबल के कुछ बंडल जल गए. जियो कर्मचारियों के धमकी देने और भगाने के लिए बनाए गए वीडियो व्यापक रूप से प्रसारित किए गए हैं.
राज्य पुलिस ने अब तक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की थी.
लेकिन आज, मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पंजाब में अराजकता या किसी निजी या सार्वजनिक संपत्ति के विनाश को सहन करने की अनुमति नहीं देंगे. इस बात की ओर इशारा करते हुए कि उनकी सरकार ने राज्य में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों पर आपत्ति नहीं जताई या रोक दी, उन्होंने कहा कि संपत्ति को नुकसान और लोगों को असुविधा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
सिंह ने किसानों को यह भी याद दिलाया, "इस तरह संचार साधनों को नुकसान पहुंचना छात्रों, खासकर बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने वाले और कोविड महामारी के कारण घर से काम करने वाले पेशेवरों के लिए नुकसानदायक होगा. यहां तक कि बैंकिंग सेवाएं भी काफी हद तक ऑनलाइन लेनदेन पर निर्भर हैं, जिससे लोगों का सुविधा हो रही है."
किसानों का मानना है कि नए कृषि कानूनों से अरबपति उद्योगपतियों मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी को सबसे अधिक फायदा होगा. इसलिए उनका गुस्सा मुकेश अंबानी की कंपनी जियो के मोबाइल टावरों पर निकल रहा है. राज्य में कई हिस्सों में इन टावरों को बिजली की आपूर्ति रोक दी गई है और साथ ही केबल भी काट दी गई है.
हालांकि, अंबानी का रिलायंस समूह और अडाणी की कंपनियां किसानों से अनाज खरीदने के कारोबार में नहीं हैं. मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘‘कल तक 1,411 टावरों को नुकसान पहुंचाया गया था. आज यह आंकड़ा 1,500 के पार हो गया है.''
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राज्य में जियो के 9,000 से अधिक टावर हैं. एक अन्य सूत्र ने कहा कि टावर को नुकसान पहुंचाने का सबसे आम तरीका बिजली की आपूर्ति काटना है. एक मामले में टावर साइट पर जेनरेटर को लोग उठाकर ले गए और उसे एक स्थानीय गुरुद्वारे में दान कर दिया.
सूत्रों ने कहा कि राज्य पुलिस ने टावर तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है और ज्यादातर मामलों में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है. टावर इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (टीएआईपीए) ने कहा है कि कम से 1,600 टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है.
(इनपुट एजेंसी भाषा से भी)