ज्ञानवापी सर्वे पर रोक लगाने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिका पर आज नहीं होगी सुनवाई

Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने याचिका में 21 जुलाई को आए जिला जज के फैसले को रद्द किए जाने और अंतिम फैसला आने तक इस पर रोक लगाए जाने की गुहार लगाई गई है.

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Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने सर्वेक्षण पर रोक लगाए जाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की है.

प्रयागराज:

Gyanvapi Mosque Case: वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. आज ASI सर्वे पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई नहीं होगी. आज ही मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ASI सर्वे पर रोक की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में लगाई थी.ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने यह याचिका दाखिल की है. आज दोपहर 2 बजे मस्जिद कमेटी की इस याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी. लेकिन अब इस मामले में सुनवाई़ कल 11 बजे सुनवाई हो सकती है.

जिला जज के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर में कल से शुरू हुए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सर्वेक्षण (ASI)  पर रोक लगाए जाने की मांग को लेकर मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. जिसपर आज सुनवाई होनी थी, लेकिन लेकिन प्रक्रियात्मक चीज़ों में हुई देरी की वजह से सुनवाई नहीं हुई.

मस्जिद कमेटी की याचिका में 21 जुलाई को आए जिला जज के फैसले को रद्द किए जाने और अंतिम फैसला आने तक इस पर रोक लगाए जाने की गुहार लगाई गई है. यह याचिका मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देकर इस याचिका को अर्जेंसी के आधार पर आज ही सुनने की भी अपील की गई है.

ज्ञानवापी मामले में प्रथम वादिनी राखी सिंह की तरह से इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता सौरभ तिवारी के माध्यम से दूसरी कैविएट दायर की गयी.इसके पहले भी राखी सिंह की तरह से हाईकोर्ट के समक्ष मस्जिद कमेटी द्वारा सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 की धारा 115 के तहत संभावित पुनरीक्षण याचिका की स्थिति में एक कैविएट दायर की जा चुकी है.लेकिन कल देर शाम मामले में  सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत अथवा सिविल प्रक्रिया संहिता ,1908 की धारा 115 के तहत हाईकोर्ट में याचिका दायर करनें का आदेश दिया गया.

जिसके बाद राखी सिंह के अधिवक्ता सौरभ तिवारी के माध्यम से देर रात ई-फाईलिंग मोड से दुसरी कैविएट दायर की गयी ताकि मस्जिद कमेटी द्वारा सिविल प्रक्रिया संहिता अथवा संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत अगर याचिका मस्जिद कमेटी लाती है ऐसी स्थिति में मुख्य हिन्दू पक्षकार को सुने बगैर हाईकोर्ट कोई फैसला ना दे. ऋंगार गौरी केस की मुख्य हिंदू पक्षकार राखी सिंह की तरफ से अधिवक्ता सौरभ तिवारी हाईकोर्ट के समक्ष पक्ष रखेंगे.

गौरतलब है कि जिला जज वाराणसी के ASI सर्वे के 21 जुलाई के फैसले के विरुद्ध मस्जिद कमेटी आज इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर करेगा.

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