'14 फरवरी (शुक्रवार) को सब खुलासा हो जाएगा.' यूपी के कद्दावर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने यूपी विधानसभा चुनाव के महज एक माह पहले बीजेपी और योगी आदित्यनाथ सरकार का मंत्री पद छोड़ने के बाद अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चल रही अटकलों का यह जवाब दिया. मौर्य ने NDTV के साथ बातचीत में कहा, 'पिछड़े वर्ग की समस्याओं को बीजेपी ने अनसुना किया और पार्टी ने मुझे मंत्री बनाकर उपकार नहीं किया था.' मौर्य ने यह भी कहा कि बीजेपी को उनका शुक्रगुजार होना चाहिए कि उन्होंने 2017 की विजय के साथ पार्टी के 14 साल के वनवास को खत्म किया. स्वामी प्रसाद ने वर्ष 2016 में बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन की थी.
ऐसा माना जा रहा है कि मौर्य के साथ कम से कम चार विधायक अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से जुडेंगे. इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'कहां आने वाले हैं, कहां आने वाले हैं...सब कुछ 14 जनवरी को स्पष्ट हो जाएगा. ' पांच बार विधायक रहे मौर्य ने कहा, 'देखिए, जब मैंने बीएसपी छोड़ी तब यह यूपी की नंबर वन पार्टी थी, अब कहीं नहीं है. जब मैंने बीजेपी ज्वॉइन की तो यह 14 साल के बनवास से निकली और राज्य में बहुमत की सरकार बनाई.' उन्हांने कहा कि मेरे बीएसपी छोड़ने के बाद यह पार्टी धराशायी हो गई और मेरी वजह से यूपी में बीजेपी की लोकप्रियता बढ़ी. उन्होंने मंत्री बनाकर मुझ पर अहसान नहीं किया. बीजेपी के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई है.
गौरतलब है कि मोदी लहर पर सवार बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में यूपी की 403 में से 312 सीटों पर जीत हासिल की थी. वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव की तुलना में उसकी 265 सीटें बढ़ी थीं. दूसरी ओर बीजेपी वर्ष 2012 की 80 सीटों की तुलनामवर्ष 2017 में 19 सीटों पर सिमटकर रह गई थी.मंत्री पद छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने इससे पहले कहा था, 'मेरे जाने से बीजेपी में भूचाल आ गया है. केशव प्रसाद मौर्य जी को मुझे मनाने की ज़िम्मेदारी दी गई है. केशव मेरे छोटे भाई हैं, पर 5 साल से वो भी बेचारे ही हैं. मेरे साथ अभी मंत्री भी आएंगे और विधायक भी.'