रूस के हमले (Russian Invasion of Ukraine) में यूक्रेन के सुमी (Sumy) शहर में फंसे सभी 694 भारतीय विद्यार्थियों (Indian Students) को वहां से बाहर निकाल लिया गया है. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Union Minister Hardeep Singh Puri) ने इसकी जानकारी दी है. पुरी ने बताया कि सभी लोग बसों में सवार होकर पोल्तवा के लिए निकल चुके हैं. पुरी ने कहा, 'कल रात मैंने कंट्रोल रूम से चेक किया था, सुमी में 694 भारतीय स्टूडेंट्स शेष थे, वे सभी बसों से पोल्तवा रवाना हो चुके हैं. 'सुमी यूनिवर्सिटी के एक मेडिकल स्टूडेंट ने नाम उजागर न करने की शर्त पर न्यूज एजेंसी PTI से इस बात की पुष्टि की कि बसें आई हैं और स्टूडेंट ने उनमें सवार होना शुरू कर दिया है. इस स्टूडेंट ने बताया, 'हमें बताया गया है कि हम पोल्तवा जाएंगे. मैं प्रार्थना कर रहा हूं कि हम सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाएं और यह दुख खत्म हो जाए.' विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया कि पोल्तवा से ये पश्चिम यूक्रेन के लिए ट्रेन में सवार होंगे.'
इससे पहले नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास ने ट्वीट कर ये जानकारी दी थी कि सुमी से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए भारतीय समयानुसार दोपहर 13.30 बजे रूस संघर्षविराम करेगा ताकि मानवीय गलियारा बनाया जा सके.
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बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध का आज 13वां दिन है. यूक्रेन की राजधानी कीव से लगभग 350 किलोमीटर दूर पूर्व में यूक्रेन के दूसरे शहर सुमी में रूसी सेना ने एयर स्ट्राइक की है. इस हवाई हमले में दो बच्चों सहित कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है. गौरतलब है कि भारत ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक 13 हजार से ज्यादा भारतीयों को स्वदेश ला चुका है. जबकि करीब तीन हजार भारतीय यूक्रेन के पड़ोसी यूरोपीय देशों में सुरक्षित पहुंच चुके हैं. खारकीव से भारतीयो को निकालने के बाद सुमी सरकार की सबसे बड़ी चिंता थी और वहां से भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी बड़ी राहत लेकर आई है. यूक्रेन की राजधानी कीव में घायल हुए भारतीय हरजोत सिंह को भी सोमवार को स्वदेश लाया जा चुका है. सरकार का कहना है कि ऑपरेशन गंगा के तहत निजी विमानन कंपनियों के अलावा वायुसेना के विमानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.