योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई है. अखिलेश यादव ने ट्वीट कर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए कहा है कि "कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है" अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा कि हां मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले… ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है. कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है.
वहीं एक और ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा कि उप्र भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार और कुशासन की क्रॉनॉलॉजी समझिए. पहले लोक निर्माण विभाग के मंत्रालय में विद्रोह. फिर स्वास्थ्य मंत्रालय में विद्रोह और अब जल शक्ति मंत्रालय में विद्रोह. जनता पूछ रही है, उप्र की भाजपा सरकार ईमानदारी से बताए… अब अगली बारी किसकी है?
दरअसल प्रदेश के जल संसाधन राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और देश के गृह मंत्री अमित शाह को अपना इस्तीफा भेजा है. उन्होंने ये कहते हुए पद छोड़ा है कि "वह दलित हैं, इसलिए उनकी नजरअंदाज किया गया है. अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि “मैं दलित समाज से हूं. इसलिए मेरी अनदेखी की गई. नमामि गंगा और हर घर जल योजना में नियमों की अनदेखी हो रही है. ट्रांसफ़र पोस्टिंग में भ्रष्टाचार हो रहा है. मैं दलित समाज से हूं. इसलिए मेरी बात नहीं सुनी जाती. मेरी अनदेखी से दलित समाज आहत है. मेरा कोई मंत्री के तौर पर अस्तित्व नहीं है. मेरे लिए राज्यमंत्री के तौर पर काम करना दलित समाज के लिए बेकार है. न मुझे बैठक में बुलाया जाता है न ही मुझे मेरे मंत्रालय में हो रहे कार्यों के बारे में बताया जाता है. मैं आहत होकर अपना त्यागपत्र दे रहा हूं".
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