बिहार में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पद छोड़ दिया है. साथ ही जदयू ने अपने आप को एनडीए से भी अलग कर लिया है. अब उम्मीद की जा रही है कि महागठबंधन के दलों के साथ मिलकर नीतीश कुमार सरकार बनाएंगे. पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा है कि यह एक अच्छी शुरुआत है. इस दिन 'अंगरेजो भारत छोड़ो' का नारा दिया गया था और आज बिहार से 'बीजेपी भगाओ' का नारा आ रहा है. मुझे लगता है कि जल्द ही राजनीतिक दल और विभिन्न राज्यों के लोग भाजपा के खिलाफ खड़े होंगे.
इधर बीजेपी ने नीतीश कुमार के फैसले को विश्वासघात बताया है. बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि BJP ने 74 सीट जीतेने के बाद भी वादे के मुताबिक नीतीश कुमार जी को NDA गठबंधन का मुख्यमंत्री बनाया था. यह बिहार की जनता और BJP के साथ धोखा है, जनता के फैसले का उल्लंघन है. बिहार की जनता इसे बर्दाशत नहीं करेगी.
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. मंगलवार सुबह जेडीयू विधायकों और सांसदों की बैठक के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था. इसके बाद आरजेडी-कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर उनके फिर से सरकार बनाने के कयास पुख्ता हो गए थे.
नीतीश मंगलवार दोपहर करीब 3.45 बजे राज्यपाल फागू चौहान से मिलने के लिए निकले. उन्होंने मुख्यमंत्री आवास से करीब 500 मीटर दूर राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और अपना त्यागपत्र सौंप दिया.