यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के दूसरी बार मुख्यमंत्री के तौर पर लखनऊ के इकाना स्टेडियम में हुए भव्य शपथग्रहण को लेकर निशाना साधा है. लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम (Atal Bihari Vajpayee Ekana Stadium) में 50 हजार से ज्यादा लोगों के बैठने की क्षमता है. इकाना स्टेडियम में हुए शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा बीजेपी शासित तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री पहुंचे थे. अखिलेश ने कहा कि ये इकाना स्टेडियम सपा सरकार में बनकर तैयार हुआ था. अखिलेश ने ट्वीट में लिखा, समाजवादी पार्टी द्वारा बनाए गए स्टेडियम में नई सरकार के शपथ लेने को लेकर बधाई. शपथ सिर्फ सरकार गठन को लेकर नहीं ली जाती. बल्कि सही मायनों में जनता की सेवा के लिए होती है.
शपथग्रहण समारोह के ठीक बाद अखिलेश यादव ने ये टिप्पणी की. खबरों के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, मायावती और अखिलेश यादव को भी समारोह में शामिल होने का न्योता दिया था, हालांकि वो यहां नहीं पहुंचे. अखिलेश यादव यूपी विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh election) में करहल विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं और उन्होंने आजमगढ़ की लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है.
वहीं अखिलेश यादव शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए. शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे बीजेपी की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने समारोह में शामिल नहीं होने को लेकर अखिलेश यादव पर तंज कसा और कहा कि वह लोकतंत्र के बड़े उत्सव में शामिल होने से चूक गए. मनोज तिवारी 2009 में गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से योगी आदित्यनाथ के खिलाफ समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. तिवारी 2014 के चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए और दिल्ली से सांसद चुने गए. अखिलेश यादव ने पहले ही कहा था कि उन्हें शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रण मिलेगा तो भी वह समारोह में शामिल नहीं होंगे.
माना जा रहा है कि वो 2024 के आम चुनाव के पहले यूपी में पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान देंगे. बीजेपी और सपा के बीच यूपी चुनाव में सीधी टक्कर देखी गई थी, जबकि कांग्रेस और बीएसपी 1-2 सीटों पर सिमट गई. गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार यूपी में बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई है और 37 साल बाद ऐसा कारनामा करने वाली पहली पार्टी बनी है. बीजेपी ने अपने बलबूते यूपी में 255 सीटें हासिल की हैं, जबकि अपना दल और निषाद समाज ने मिलकर 18 सीटें हासिल की हैं.