कृषि कानूनों पर अखिलेश यादव की दोटूक, 'बीजेपी वाले वह नंबर बताएं जिस पर कॉल करके MSP मिल जाए'

अखिलेश ने कहा, 'जब से किसान आंदोलन शुरू हुई है सबने एक ही नारा किया जय जवान जय किसान. आज 100 दिन पूरे हो गए हैं. ये किसान और जवान तब तक संघर्ष करते रहेंगे जब तक तीनों कानून रद्द नहीं होते.

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अखिलेश ने कहा, किसानों की इस लड़ाई में हम उनके साथ हैं

नई दिल्ली:

समाजवादी पार्टी अध्‍यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की 'आवाज' नहीं सुनने के लिए केंद्र सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई है. अखिलेश ने शु्क्रवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'सरकार ने वैश्विक महामारी में किसी से बिना बात किए ये तीनों कानून पास करा दिए. जब राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि MSP थी और रहेगी तो वो झूठ बोलते हैं.बीजेपी वाले हमें वो नंबर बताएं जिस पर कॉल करके MSP मिल जाए. सपा प्रमुख ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री जी विधानसभा में कह रहे थे कि स्ट्राबेरी में बड़ा मुनाफ़ा है, कहां स्ट्राबेरी है ?
 हमारे मुख्यमंत्री काले गाजर के हलवे की बात करते हैं.पता नहीं कहां से सुनकर आए हैं. हमारी पुरानी सरकार ने एक्सप्रेसवे के नज़दीक मंडियां बनाने के लिए ज़मीने ले लीं. हमारी सरकार आई तो इसी एक्सप्रेसवे पर मंडिया बनाएंगी.'

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अखिलेश ने कहा, 'जब से किसान आंदोलन शुरू हुई है सबने एक ही नारा किया जय जवान जय किसान. आज 100 दिन पूरे हो गए हैं. ये किसान और जवान तब तक संघर्ष करते रहेंगे जब तक तीनों कानून रद्द नहीं होते. हम किसानों से कहना चाहते हैं कि ये लड़ाई आपकी ज़रूर है लेकिन हम ईमानदारी के साथ आपके साथ हैं क्योंकि आपके साथ भविष्य जुड़ा है.खाना नहीं होगा तो खेती नहीं होगी तो जीवन कैसे चलेगा. हमने तो हमने वैश्विक महामारी देखी है. हम और कितना झेल रहे हैं. हम घरों में बंद रहे, हमारा कारोबार ठप हो गया. रिक्शा चलाने वालों का गरीबों का रोज़गार ख़त्म हो गया. जो खेत में निकला, वो किसान था. आज उसकी वजह से हमारी अर्थव्यवस्था बच गई. अगर किसान काम नहीं करता तो देश ठप हो जाता.देश के किसान ने हमें बचाया.

उन्‍होंने कहा कि मॉस्क ने तो सिर्फ़ मुंह और नाक बंद किए, लेकिन बीजेपी के तो आंख, नाक-कान सब बंद हो गए हैं.बीजेपी को ये किसान नहीं देख रहे. दो सौ से ज़्यादा किसान शहीद हो गए. देश की सीमा में जो होता है वो किसान के साथ बीजेपी ने किया. 26 जनवरी को ट्रैक्टर यात्रा जगाने के लिए थी. किसान शहीद हो गए, इन्होंने नहीं सुनी. न जाने क्या अहंकार है. हमारे किसानों और जवानों पर झूठे मुक़दमे लगाए गए. बीजेपी के लोग किसानों को नहीं जानते. किसान ऐसी ठोकर मारेंगे इन्हें नहीं पता चलेगा कि ये कहां चले गए.हम भी किसान हैं.हम सब किसान हैं. हम भले ही समाजवादी हैं पर किसान तो हैं. नेता जी मुलायम सिंह को लोग 'धरती पुत्र' कहते हैं तो हम भी धरती पुत्र हैं. 

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समाजवादी पार्टी नेता ने कहा कि हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को कुछ समझ नहीं आता. समाजवादी पार्टी ने लापटॉप बांटे, हमारे मुख्यमंत्री ने लैपटॉप नहीं बांटे क्योंकि उन्हें लैपटॉप चलाना नहीं जानते. मुख्यमंत्री जी को लाल टोपी नहीं पसंद. हमारे मुख्यमंत्रीजी एक बार लाल टोपी पहन लें, बहुत सुंदर लगेंगे. लाल रंग क्रांति का रंग है. उन्‍होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री नाम बदलने वाले मुख्यमंत्री हैं. पुरानी कहावत है-'अंधेर नगरी चौपट राजा', हमारे उत्तर प्रदेश में भी यही हो रहा है- 'अंधेर नगरी चौपट राजा दिनदहाड़े रेप और रात भर गांजा.'इस सवाल कि आप 100 दिन बाद किसानों के लिए क्‍यों मैदान में उतरे हैं, अखिलेश ने कहा कि हमारी पार्टी लगातार किसानों का मुद्दा उठा रही है. किसानों के मुद्दे पर सबसे पहले जेल में जाने वाले समाजवादी कार्यकर्ता थे. राकेश टिकैत से मैने फ़ोन पर बात की थी. हमारे कार्यक्रम किसानों के लिए लगातार चल रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि हम किसानों की लड़ाई आख़िर तक लड़ेगें. अखिलेश ने कहा, 'मैं जनता के बीच हूं, जनता ने हमें सरकार से दूर किया लेकिन मैंने पांच साल ईमानदारी के साथ जनता के मुद्दे उठाए. हमारी ये महापंचायतें लगातार चलती रहेंगी. मैं जनता के बीच इन सब लोगों के साथ साइकिल चलाऊंगा.'

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