लोकसभा में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और गृहमंत्री अमित शाह के बीच नोंकझोंक देखने को मिली. मानसून सत्र के दौरान वक्फ बिल पर चर्चा हो रही थी. इसी दौरान सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि अध्यक्ष महोदय आज हमारे और आपके अधिकार कट रहे हैं. अध्यक्ष महोदय आप लोकतंत्र के न्यायाधीश हैं. मैंने इस लॉबी में सुना है कि कुछ अधिकार आपके भी कम हो रहे हैं. हम लोगों को आप लोगों के लिए लड़ना पड़ेगा. मैं इसका विरोध करता हूं.
अखिलेश यादव के बयान पर अमित शाह ने कहा कि अध्यक्ष पर अधिकार केवल विपक्ष का नहीं है. पूरी सदन का अध्यक्ष पर अधिकार है. इस तरह का गोलमोल बात आप नहीं कर सकते हो. आप नहीं हो अध्यक्ष के अधिकारों के संरक्षक. इस घटना के बाद सदन में कुछ देर तक गहमा-गहमी देखने को मिली.
गौरतलब है कि लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल गुरुवार को पेश कर दिया गया है. इस बिल को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया. इस बिल को पेश करने के साथ ही लोकसभा में विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया. आपको बता दें कि वक्फ बोर्ड अधिनियम संशोधन बिल 2024 के जरिए 44वां करने जा रही है. केंद्र सरकार ने इस बिल को लोकसभा में पेश किए जाने से पहले कहा था कि इस बिल को पेश करना मकसद वक्फ की संपत्तियों का सुचारू रूप संचालित करना और उसकी देखरेख करना है.
सदन में इस बिले के पेश होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा शुरू हो गया. विपक्षी दलों ने इस बिल को किसी समुदाय विशेष खिलाफ बताया तो सरकार ने विपक्ष से हंगामा करने से पहले बिल में जोड़े गए प्रावधानों को पढ़ने का अनुरोध किया. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि मैं इस बिल का पूरी तरह से विरोध करता हूं.
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