NCP अध्यक्ष के तौर पर अजित पवार की नियुक्ति अवैध: शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग में कहा

इस साल की शुरुआत में शरद पवार के भतीजे अजित पावर ने बगावत कर दी थी. उन्होंने सत्तारूढ़ बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) सरकार से हाथ मिला लिया था. लेकिन शरद पवार गुट ने इस बात पर जोर दिया है कि एनसीपी में कोई विभाजन नहीं है.

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नई दिल्ली:

दो फाड़ हो चुकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी NCP के नाम, आधिकारिक चिह्न और अध्यक्ष को लेकर शरद पवार (Sharad Pawar) और भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar)आमने-सामने हैं. अजित गुट ने चुनाव आयोग में एनसीपी और चुनाव चिह्न पर दावा करने संबंधी याचिका दाखिल की थी. इसपर जवाब दाखिल करने के लिए चुनाव आयोग (Election Commission) ने शरद पवार गुट को 8 सितंबर का वक्त दिया था. जवाब दाखिल करते हुए शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अजित पवार की नियुक्ति को "अवैध" बताया है.

शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग को दिए गए जवाब में अजित पवार को लेकर नाराजगी जताई. शरद पवार गुट ने कहा कि विद्रोही नेताओं की अपरिहार्य अयोग्यता से बचने के लिए ऐसी याचिका दायर की गई थी. शरद पवार गुट ने कहा, "पार्टी का संविधान विधायकों को पार्टी का बॉस नियुक्त करने की अनुमति नहीं देता है. अजित पवार ने कुछ विधायकों के साइन के आधार पर खुद को बॉस नियुक्त करने की एकतरफा मांग की थी. विवादास्पद प्रस्ताव में अजित पवार 'हस्ताक्षरकर्ता नंबर 1' थे."

शरद पवार गुट ने इस बात पर जोर दिया है कि एनसीपी में कोई विभाजन नहीं है. इस साल की शुरुआत में शरद पवार के भतीजे अजित पावर ने बगावत कर दी थी. उन्होंने सत्तारूढ़ बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) सरकार से हाथ मिला लिया था. उसके बाद अजित पवार डिप्टी सीएम बनाए गए थे.

शरद पवार गुट ने आगे तर्क दिया कि अजित पवार ने एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया. बिना नोटिस जारी किए या मुख्य रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त किए ये सम्मेलन हुआ. वहां उन्होंने खुद को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया, जो पूरे तरीके से अवैध है.

दरअसल, अजित पवार गुट ने 30 जून को चुनाव आयोग को सूचित किया था कि पार्टी की ओर से NCP का अध्यक्ष बदल दिया गया है. साथ ही अजित को अध्यक्ष नियुक्त किया है.अजित गुट ने ये भी दावा किया था कि असली एनसीपी वही हैं. लिहाजा अजित गुट ने चुनाव आयोग में एनसीपी और चुनाव चिह्न पर दावा करने संबंधी याचिका दाखिल की थी. 

अजित के नेतृत्व वाले गुट ने कहा था कि चुनाव आयोग को एक हलफनामे के जरिए सूचित किया गया है कि उन्हें 30 जून 2023 को NCP के सदस्यों द्वारा साइन किए हुए प्रस्ताव के माध्यम से पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था. इस प्रस्ताव पर विधायी और संगठनात्मक दोनों विंग के सदस्यों के हस्ताक्षर थे. साथ ही कहा गया था कि प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष बने रहेंगे.

इसका शरद पवार गुट ने खंडन किया और चुनाव आयोग में अपना दावा किया. इन दोनों के दावों को लेकर चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब अब शरद गुट को देना है. 

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