मैंने प्रचार किया होता तो सोचिए क्या होता : अजित पवार ने भतीजे की 1200 वोट से जीत पर ली चुटकी

भतीजे की जीत पर उनके बयान के बारे में पूछे जाने पर अजित पवार ने कहा, ‘‘मैंने ऐसा नहीं कहा. मैंने केवल उन्हें बधाई दी और भविष्य में अच्छा काम करने की कामना की.’’

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कराड (महाराष्ट्र):

महाराष्ट्र के निवर्तमान उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता एवं अपने भतीजे रोहित पवार से कहा कि अगर उन्होंने रोहित पवार के विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार किया होता तो उनके लिए सीट जीतना मुश्किल हो जाता.

हाल में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार के पोते रोहित पवार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राम शिंदे को 1,243 मतों के मामूली अंतर से हराकर अहिल्यानगर जिले में कर्जत जामखेड सीट बरकरार रखी.

इस बीच, अजित पवार के बयान का हवाला देते हुए भाजपा नेता राम शिंदे ने कहा कि एक गुप्त समझौते के चलते उनकी हार हुई.

‘महायुति' गठबंधन में भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार नीत राकांपा शामिल हैं.

पूर्व कैबिनेट मंत्री और वर्तमान एमएलसी राम शिंदे ने अजित पवार की ‘‘अगर मैंने प्रचार किया होता...'' टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे गुप्त समझौते का पता चलता है.

शिंदे ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे पवार परिवार के बीच एक गुप्त समझौते पर संदेह है, भले ही वे विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े हों. मुझे लगता है कि उनकी पूर्व नियोजित रणनीति का खामियाजा मुझे उठाना पड़ा.''

सोमवार को रोहित पवार, राकांपा (एसपी) प्रमुख के साथ राज्य के पहले मुख्यमंत्री वाई. बी. चव्हाण की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के लिए उनके स्मारक पर गए थे.

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बाद में उपमुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजित पवार भी दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने चव्हाण की समाधि पर गए. वहां रोहित पवार का अजित पवार से आमना-सामना हुआ.

अपने भतीजे को बधाई देने के बाद अजित पवार ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘आओ, मेरा आशीर्वाद लो। तुम बाल बाल (सीट बचाने में) बच गए. अगर मैंने (कर्जत जामखेड में) रैली की होती, तो सोचो क्या होता.''

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इसके बाद रोहित पवार ने उनके पैर छुए. राकांपा (एसपी) के नेता ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि (राजनीतिक) मतभेदों के बावजूद अजित पवार उनके लिए ‘‘पितातुल्य'' हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘2019 के चुनाव में उन्होंने (अजित पवार ने) मेरी बहुत मदद की और चूंकि वह मेरे चाचा हैं, इसलिए उनके पैर छूना मेरा फर्ज है. यह भूमि चव्हाण साहब की है और उनके द्वारा दी गई परंपरा एवं मूल्यों का पालन करने की जरूरत है और हम वही कर रहे हैं.''

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अजित पवार के स्नेह भरे परिहास के बारे में पूछे जाने पर रोहित पवार ने कहा कि यह सच है कि अगर उनके चाचा ने (कर्जत जामखेड में) रैली की होती तो चीजें अलग होतीं.

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन वह बारामती में व्यस्त थे और उन्हें निर्वाचन क्षेत्र में आने का समय नहीं मिल सका.''

रोहित पवार ने कहा कि वह हाल के चुनावों में उपमुख्यमंत्री के प्रदर्शन के लिए उन्हें बधाई देते हैं.

बाद में रोहित पवार द्वारा उनका आशीर्वाद लेने और कर्जत जामखेड में अपने भतीजे की जीत पर उनकी टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर अजित पवार ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘मैंने ऐसा नहीं कहा. मैंने केवल उन्हें बधाई दी और भविष्य में अच्छा काम करने की कामना की.''

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उपमुख्यमंत्री ने चव्हाण के स्मारक पर उनके और शरद पवार के जाने के बारे में कहा, ‘‘हमें स्मारक पर पहुंचने में थोड़ी देर हो गई. अगर मैं थोड़ा पहले पहुंच जाता तो मैं भी पवार साहब का आशीर्वाद ले लेता, लेकिन दोनों का समय मेल नहीं खा पाया और दोनों अलग-अलग समय पर वहां पहुंचे.''

महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हाल में संपन्न चुनावों में अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 41 सीट जीतकर शानदार प्रदर्शन किया, जबकि उनके चाचा की अगुवाई वाली राकांपा (एसपी) का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जिसने केवल 10 सीट पर जीत दर्ज की.

अजित पवार ने राकांपा (एसपी) उम्मीदवार युगेन्द्र पवार को एक लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर अपनी बारामती सीट बरकरार रखी. युगेंद्र पवार भी उनके भतीजे हैं.

पिछले साल अजित पवार कई अन्य विधायकों के साथ राज्य में एकनाथ शिंदे-भाजपा नीत सरकार में शामिल हो गए थे, जिसके कारण उनके चाचा शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा में विभाजन हो गया था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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