राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार और पार्टी के बागी गुट का नेतृत्व कर रहे अजित पवार के बीच पुणे में ‘‘गोपनीय'' बैठक से महाराष्ट्र में बढ़ी राजनीतिक सरगर्मियों के बीच एनसीपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने रविवार को कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि पार्टी संस्थापक और उनके भतीजे के बीच क्या बातचीत हुई. पाटिल ने यह भी कहा कि यह ‘‘कोई गोपनीय बैठक नहीं'' थी.
राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्हें इस प्रकार की बैठक की कोई जानकारी नहीं है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं आपको कोई जानकारी नहीं दे सकता.''
ऐसा माना जा रहा है कि शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को पुणे में एक कारोबारी के आवास पर मुलाकात की थी.
क्षेत्रीय समाचार चैनल द्वारा प्रसारित दृश्यों में शरद पवार शनिवार अपराह्न करीब एक बजे कोरेगांव पार्क क्षेत्र में कारोबारी के आवास पर पहुंचते दिखे. शाम करीब पांच बजे शरद पवार वहां से चले गए. इसके लगभग दो घंटे के बाद अजित पवार को शाम पौने सात बजे कैमरे से बचने की कोशिश करते हुए एक कार में परिसर से बाहर निकलते देखा गया.
जयंत पाटिल ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि यह कोई ‘‘गोपनीय बैठक नहीं'' थी. उन्होंने कहा, ‘‘मैं पवार साहब के साथ एक परिचित के यहां गया और जल्दी निकल गया. बाद में क्या हुआ, मुझे इसकी जानकारी नहीं है.''
पाटिल ने कहा कि उनके भाई को प्रवर्तन निदेशालय (ED) से एक नोटिस मिला था, जिसमें कुछ कंपनी के बारे में जानकारी मांगी गई थी. एनसीपी नेता ने कहा, ‘‘वह (पाटिल के भाई) चार दिन पहले ईडी कार्यालय गए और उन्होंने वह सारी जानकारी उपलब्ध करा दी, जो उनके पास थी. ईडी के नोटिस को कल की बैठक से जोड़ना गलत है.''
पाटिल के अजित पवार धड़े में शामिल होने संबंधी अटकलों को लेकर एनसीपी नेता ने कहा कि उन्होंने अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह शरद पवार के साथ हैं, पाटिल ने कहा, ‘‘हां, अपने मन में कोई संदेह न रखें.''
उन्होंने दावा किया कि एनसीपी में कोई विभाजन नहीं है और दोनों गुटों का कहना है कि शरद पवार उनके नेता हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हर कोई उनकी (शरद पवार की) तस्वीर लगाता है और वे कहते हैं कि वे उनके लिए काम करते हैं, इसलिए कोई विभाजन नहीं है.''
शरद पवार के पोते और एनसीपी के विधायक रोहित पवार ने भी कहा कि उन्हें पार्टी संस्थापक शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच किसी मुलाकात की जानकारी नहीं है, लेकिन अगर मुलाकात हुई है, तो भी ‘‘परिवार में संवाद बनाए रखने में कुछ भी गलत नहीं है.''
महाराष्ट्र में पिछले महीने अचानक बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बीच अजित पवार ने शिवसेना-भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. अजित के समर्थक एनसीपी के आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी.
एनसीपी के 54 विधायकों में से शरद पवार और अजित पवार के नेतृत्व वाले समूहों का समर्थन करने वाले विधायकों की सटीक संख्या ज्ञात नहीं है.