देश के पूर्वोत्तर हिस्से में बसे मिज़ोरम (Mizoram Assembly Elections 2023) राज्य के मिज़ोरम क्षेत्र में आइजोल जिले के भीतर आइज़ॉल दक्षिण 2 विधानसभा क्षेत्र आता है, जो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 24613 मतदाता थे, और जिन्होंने पिछले चुनाव में आईएनडी के उम्मीदवार लालचुआनथंगा को 7294 वोट देकर जिताया था, और विधायक बनाया था, जबकि एमएनएफ के उम्मीदवार डेंगमिंगथांगा को 7115 मतदाताओं का भरोसा मिल सका था, और वह 179 वोटों से चुनाव में पराजित हो गए थे.
इससे पहले, वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में आइज़ॉल दक्षिण 2 विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार लेफ्टिनेंट कर्नल ज़ोसांगज़ुआला ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 6878 मतदाताओं ने समर्थन दिया था. विधानसभा चुनाव 2013 में इस सीट पर एमएनएफ के उम्मीदवार आर. त्लांगमिंगथांगा को 5835 वोट मिले थे, और वह 1043 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रह गए थे.
इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में आइज़ॉल दक्षिण 2 विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार लेफ्टिनेंट कर्नल. ज़ोसांगज़ुआला को कुल मिलाकर 5159 वोट मिले थे, और उन्हें जीत हासिल हुई थी, जबकि जेडएनपी के प्रत्याशी डेंगमिंगथांगा दूसरे स्थान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 4670 वोटरों का ही समर्थन मिल सका था, और वह 489 वोटों के अंतर से विधानसभा चुनाव में पिछड़ गए थे.
पूर्वोत्तर भारत के मिज़ोरम सूबे में वर्ष 2018 में हुए चुनाव, यानी विधानसभा चुनाव 2018 में लम्बे समय तक सत्ता में रही कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. 40-सदस्यों वाली विधानसभा में मिज़ो नेशनल फ़्रंट (MNF) को सबसे अधिक 27 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस को महज़ चार सीटों पर सफलता मिली थी. भारतीय जनता पार्टी (BJP) को एक और निर्दलीय उम्मीदवारों ने आठ सीटों पर बाज़ी मारी थी. विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की ज़ोरदार जीत के बाद मिज़ो नेशनल फ्रंट के अध्यक्ष ज़ोरमथांगा राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. गौरतलब है कि साल 2013 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को राज्य में शानदार जीत मिली थी, और उसके प्रत्याशी राज्य की कुल 40 में से 34 सीटों पर चुनाव जीते थे. इससे पहले, वर्ष 2008 के चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने ही सफलता का परचम लहराया था. मिज़ोरम भारत के आठ पूर्वोत्तर राज्यों में से एक है. 20 फरवरी, 1987 को भारत के 23वें राज्य के रूप में इसका गठन किया गया था. इससे पहले यह एक केंद्रशासित प्रदेश था.