"बिना नियम बनाए ‘बाल विवाह’ के खिलाफ कार्रवाई... ": असम सरकार पर एआईयूडीएफ ने साधा निशाना

आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने आरोप लगाया कि असम सरकार आवश्यक नियम बनाए बिना ही बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए) के प्रावधानों के तहत बाल विवाह पर कार्रवाई कर रही है.

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विपक्ष के निशाने पर असम सरकार
गुवाहाटी:

बाल विवाह (Assam Child Marriage) को लेकर असम सरकार की कार्रवाई पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. अब आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने आरोप लगाया कि असम सरकार आवश्यक नियम बनाए बिना ही बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए) के प्रावधानों के तहत बाल विवाह पर कार्रवाई कर रही है. कांग्रेस ने भी भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर उन एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने पर सवाल उठाया, जिन पर बाल अधिकारों की रक्षा का जिम्मा है.

पुलिस ने शुक्रवार से बाल विवाह पर कार्रवाई करते हुए ऐसे मामलों के खिलाफ दर्ज 4,074 प्राथमिकी के आधार पर अब तक 2,258 लोगों को गिरफ्तार किया है. मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा कि यह अभियान 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा. एआईयूडीएफ के महासचिव अमीनुल इस्लाम ने दावा किया कि पीसीएमए को लागू करने के नियम राज्य सरकार द्वारा नहीं बनाए गए हैं.

उन्होंने प्रश्न किया, “2006 का पीसीएमए 2007 से प्रभाव में आया. चूंकि यह एक केंद्रीय अधिनियम है, इसलिए राज्यों को नियम बनाने होंगे. 2007 से 2014 तक, राज्य कांग्रेस शासन के अधीन था और उसके बाद से भाजपा के अधीन. सरकार ने नियम क्यों नहीं बनाए?” वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने असम सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सवाल किया कि बाल विवाह को लेकर राज्य सरकार की कार्रवाई के बाद लड़कियों की देखभाल कौन करेगा. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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