पराली जलाने का निरीक्षण करने गए थे हरियाणा के अधिकारी, किसानों ने बनाया बंधक

सरकार किसानों को पराली बिना जलाए इसे निपटाने के बारे में शिक्षित कर रही है. लेकिन प्रशासन की अपील के बावजूद, अंबाला में किसान फसल अवशेष जला रहे हैं, क्योंकि वे अपने खेतों को अगली फसल के लिए जल्‍द तैयार करना चाहते हैं.

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कैसे सुधरेंगे हालात, पराली जलाने का निरीक्षण करने गए अधिकारियों को किसानों ने बनाया बंधक
अंबाला:

दिल्‍ली और आसपास के राज्‍यों में वायु प्रदूषण का स्‍तर बढ़ना शुरू हो गया है. उधर, किसानों ने पराली जलाना भी शुरू कर दिया है. ऐसे में  हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं. देश की राजधानी में आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण का स्‍तर बढ़ना तय माना जा रहा है. हरियाणा के अंबाला जिले में गुरुवार को किसानों के एक समूह ने तीन सरकारी अधिकारियों की एक टीम को कथित तौर पर बंधक बना लिया. ये अधिकारी पराली जलाने की जांच के लिए गांव की गश्त पर थे.

सैटेलाइट इमेज देखकर गांव में पहुंचे थे अधिकारी

अधिकारियों को बंधन बनाने की ये घटना अंबाला के कोट कछुआ गांव में हुई, जब एक टीम, जिसमें एक पटवारी (भूमि रिकॉर्ड अधिकारी), एक ग्राम सचिव (ग्राम विकास अधिकारी) और एक कृषि विभाग के अधिकारी शामिल थे, उन्‍होंने सैटेलाइट तस्‍वीरों की जांच करने के लिए गांव का दौरा किया. हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (HARSAC), हिसार, पराली जलाने पर चालान जारी करता है.

किसानों ने अधिकारियों को बंधक बनाकर की ये मांग

अधिकारियों की टीम जब गांव में पहुंची, तो किसान बेहद भड़के हुए नजर आए. किसानों ने कथित तौर पर टीम के वाहन को घेर लिया और उन्हें कई घंटों तक बंधक बनाए रखा. इन किसानों की मांग थी कि सरकार उन्हें पुआल प्रबंधन मशीनें खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान करे. उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाए.

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किसानों ने कई घंटों तक सरकारी कर्मचारियों की टीम को बंधक बनाए रखा. इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद अंततः अधिकारियों को रिहा कर दिया गया.

किसानों ने प्रशासन को दी ये चेतावनी...

यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब पंजाब और हरियाणा सरकारें पराली जलाने पर रोक लगा रही हैं, जो क्षेत्र में वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है. सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है. हालांकि, किसानों का कहना है कि पराली जलाने से उन्हें फायदा होता है और फसल की पैदावार बढ़ती है. उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि जो भी प्रशासनिक प्रतिनिधि ग्रामीण इलाकों में चालान काटने आएगा, उसे वे बंधक बना लेंगे और अगर इस दौरान किसी भी किसान से चालान काटा गया, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे. किसानों ने हाल ही में अपनी मांगों को लेकर अंबाला लघु सचिवालय पर विरोध प्रदर्शन किया था.

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कृषि अधिकारी किसानों को पराली बिना जलाए इसे निपटाने के बारे में शिक्षित कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन की अपील के बावजूद, अंबाला में किसान फसल अवशेष जला रहे हैं, क्योंकि वे अपने खेतों को अगली फसल के लिए जल्‍द तैयार करना चाहते हैं, उनका कहना है कि उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है. अंबाला कृषि विभाग ने पराली जलाने पर कई किसानों के चालान काटे हैं और कई मामलों की जांच कर रही है. किसान इस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं, लेकिन विभाग का कहना है कि इससे किसानों में जागरूकता बढ़ रही है और कई लोग अब आदेशों का पालन कर रहे हैं.

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