दिल्ली समेत NCR के कई इलाकों में ज़हरीली हुई हवा, प्रदूषण का स्तर है 'बहुत खराब'

‘सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर’ के विश्लेषक सुनील दहिया कहते हैं कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की घोषणाएं जमीन पर उठाए गए कदमों से मेल नहीं खाती.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, माना जाता है

दिल्ली (Delhi), नोएडा (Noida), गाजियाबाद और गुरुग्राम समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के कई क्षेत्रों में सोमवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, सोमवार सुबह गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 340, नोएडा का 342 और दिल्ली का एक्यूआई 372 रहा. ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 340, फरीदाबाद में 344, गुरुग्राम में 341, भिवानी में 336, बहादुरगढ़ में 366, बुलंदशहर में 272, हापुड़ में 305, मेरठ में 194 और सोनीपत में 349 दर्ज किया गया.

शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा', 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक', 101 से 200 को ‘मध्यम', 201 से 300 को ‘खराब', 301 से 400 को‘बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर' माना जाता है.

पर्यावरणविद् भावरीन कंधारी ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए सरकारों और आम लोगों को एकसाथ आने की जरूरत है लेकिन ऐसा करने के बजाय केवल मौसमी कार्य योजनाओं पर जोर दिया जा रहा है.

कंधारी ने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एनसीआर में सालभर निर्माण परियोजनाओं या पेड़ों की कटाई पर रोक नहीं लगाई, तो ऐसे में इतने कम समय में कोई पाबंदी लगाकर स्थाई समाधान नहीं निकलने वाला है क्योंकि इसके लिए पूरे साल प्रभावी उपायों की जरूरत है.

वहीं ‘सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर' के विश्लेषक सुनील दहिया कहते हैं कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की घोषणाएं जमीन पर उठाए गए कदमों से मेल नहीं खाती. उन्होंने कहा कि आयोग प्रदूषणकारी गतिविधियों को बंद करके दोषियों को दंडित कर सकता है लेकिन ऐसा नहीं किया जाता है.

Featured Video Of The Day
Mohali Building Collapse News: Basement में अवैध खुदाई से ढह गई बहुमंज़िला इमारत