'टू-फिंगर टेस्ट नहीं हुआ था'- रेप केस में महिला अफसर के आरोपों पर बोले एयर चीफ मार्शल

कोयंबटूर में एक एयरफोर्स ऑफिसर पर रेप का आरोप लगाने वाली एक महिला अफसर के 'टू-फिंगर टेस्ट' के आरोपों पर एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने कहा कि कोई टू-फिंगर टेस्ट नहीं हुआ था. गलत रिपोर्टिंग हुई थी.

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कोयंबटूर रेप केस पर बोले एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी.

कोयंबटूर में एक एयरफोर्स ऑफिसर पर रेप का आरोप लगाने वाली एक महिला अफसर के 'टू-फिंगर टेस्ट' के आरोपों का एयर चीफ मार्शल ने खंडन किया है. मंगलवार को एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने वायुसेना प्रमुख की सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोई टू-फिंगर टेस्ट नहीं हुआ था. उन्होंने कहा, 'कोयंबटूर केस को लेकर वायुसेना का कानून कड़ा है. कोई टू-फिंगर टेस्ट नहीं हुआ था. गलत रिपोर्टिंग हुई थी. मामले को लेकर जांच चल रही है. जांच रिपोर्ट के आधार पर एक्शन लिया जाएगा.'

बता दें कि महिला अफसर ने आरोप लगाया था कि मेडिकल जांच में एयरफोर्स के डॉक्टरों ने उसका टू-फिंगर टेस्ट किया था, जो कि एक प्रतिबंधित तरीका है और पीड़िता की निजता को भंग करने को लेकर अतीत में आलोचना का विषय रह चुका है. यह भी माना जाता है कि इस टेस्ट का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. अफसर का आरोप था कि उससे उसकी सेक्सुअल हिस्ट्री को लेकर सवाल भी पूछा गया था. महिला अफसर ने कहा था कि इन सारी चीजों के चलते उन्हें एक बार फिर 'रेप के ट्रॉमा से गुजरना पड़ा.'

पिछले हफ्ते तमिलनाडु की एक कोर्ट ने आदेश दिया था कि 29 साल के आरोपी अफसर पर कोर्ट मार्शल एक्ट के तहत केस चलाया जाए. पुलिस ने इस केस को वायुसेना को सौंप दिया है.

इस मामले में शहर के गांधीपुरम पुलिस स्टेशन की एक महिला पुलिस की टीम ने प्राथमिक जांच की थी. धारा 376 के तहत एक यौन हिंसा का मामला दर्ज किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि आरोपी फ्लाइट लेफ्टिनेंट ट्रेनिंग के लिए रेस कोर्स स्थित एयरफोर्स फैसिलिटी पर आया था.

महिला अफसर ने बताया कि वो पुलिस के पास जाने को तब मजबूर हुई, जब IAF की ओर से उसकी शिकायत पर संतुष्टिजनक कार्रवाई नहीं की गई. उसने बताया कि उसे दो बार शिकायत पत्र वापस लेने के लिए लिखित में एक विदड्रॉल सबमिट करना पड़ा था. वहीं एक बार उससे कुछ बदलाव के साथ लिखे गए पत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा गया, जो करने से उसने मना कर दिया था.

वायुसेना की क्षमताओं पर की टिप्पणी 

एयर चीफ ने कहा कि 'पिछले सालों में कई चुनौतियां आई हैं, वायुसेना इनका सामना करने के लिये तैयार है. हम नए कॉम्बैट सिस्टम ले रहे हैं, ताकि हमारी क्षमता बढ़े. रफाल, चिनूक और अपाचे से हमारी ताकत बढ़ी है.अगले कुछ सालों में 83 एलसीए शामिल होगा. मेक इन इंडिया प्रोग्राम भी आगे बढ़ेगा. 21वीं सदी के मुताबिक अपनी तकनीक बदलनी होगी. वायुसेना सेना के दूसरे अंगों के साथ बेहतर काम कर रही है. हम देश के सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं.'

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