शिवराज सिंह चौहान को विमान में हुई असुविधा को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
फ्लाइट का सफर समय की बचत के साथ शानदार आरामदायक अनुभव के रूप में जाना जाता है. हालांकि केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) का एक पोस्ट कुछ और ही कहता है. चौहान को एयर इंडिया (Air India) से अपनी विमान यात्रा के दौरान असुविधाओं का सामना करना पड़ा और अब इसे लेकर नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. नायडू ने कहा कि इस मुद्दे पर एयर इंडिया से बात की गई है और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
नागरिक उड्डयन मंत्री ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के एयर इंडिया के साथ सफर में खराब अनुभव की शिकायत पर नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा, "हमने इस मुद्दे पर तुरंत एयर इंडिया से बात की और उन्हें आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया. हमारी ओर से, डीजीसीए भी मामले की पूरी जानकारी लेगा. मैंने व्यक्तिगत रूप से शिवराज जी से भी बात की है."
एयर इंडिया ने मांगी माफी
शिवराज सिंह चौहान ने विमान यात्रा का अनुभव ‘एक्स' पर एक पोस्ट के जरिये साझा किया है, जिसके बाद एयर इंडिया ने ‘असुविधा' के लिए माफी मांगी है और घटना की 'गहन' जांच के आदेश दिए हैं. केंद्रीय मंत्री को हुई असुविधा के लिए 'खेद' व्यक्त करते हुए एयर इंडिया के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, 'हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.' साथ ही एअर इंडिया ने 'एक्स' पर भी माफी मांगी है.
क्या है पूरा मामला?
केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक कार्यक्रम के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट से भोपाल से दिल्ली जा रहे थे. वह फ्लाइट के अंदर पहुंचे तो उन्हें टूटी और धंसी हुई सीट बैठने को मिली. इसके कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा. चौहान ने तुरंत स्टाफ को बुलाया और पूछा कि जब सीट टूटी हुई थी तो आवंटित क्यों की गई है. साथ ही उन्होंने एक्स पोस्ट के जरिए भी अपनी नाराजगी जताई है.
फ्लाइट में मौजूद एयर इंडिया के स्टाफ ने चौहान से कहा कि टूटी सीट के बारे में प्रबंधन को पहले ही सूचित कर चुके हैं. प्लेन में ऐसी और भी कई सीटें हैं, जो टूटी और बेकार हैं. उन्होंने प्रबंधन से कहा था कि इन सीटों का टिकट नहीं बेचना चाहिए. स्टाफ का जवाब तो शिवराज ने सुन लिया लेकिन उनके पास दूसरी सीट का विकल्प ही नहीं था. हालांकि दूसरे यात्रियों ने उन्हें अपनी सीट ऑफर भी की और इसके लिए काफी आग्रह किया. हालांकि दूसरों को तकलीफ देना उन्हें अच्छा नहीं लगा और उन्होंने यह पूरी यात्रा उसी टूटी सीट पर बैठकर पूरी की.
केंद्रीय मंत्री ने जताई नाराजगी
केंद्रीय मंत्री का कहना है कि जब कोई यात्री विमानन कंपनी को पूरा भुगतान कर रहा है तो क्या उसे अच्छी सुविधा नहीं मिलनी चाहिए. उनको लगा था कि टाटा प्रबंधन के हाथ में आने के बाद एयर इंडिया की सेवा बेहतर हुई होगी, लेकिन ये उनका भ्रम निकला. उन्होंने कहा कि उनको बैठने में हुए कष्ट की चिंता नहीं है. लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है. ये तो यात्रियों के साथ धोखे जैसा है.
साथ ही चौहान ने सबसे आखिर में सवाल किया कि आगे किसी यात्री को ऐसा कष्ट न हो, क्या इसके लिए एयर इंडिया प्रबंधन कोई कदम उठाएगा या फिर यात्रियों की जल्दी पहुंचने की मजबूरी का फायदा उठाता रहेगा.