ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता वारिस पठान को सोमवार को मुंबई पुलिस ने उस वक्त हिरासत में ले लिया जब उन्होंने पड़ोसी ठाणे जिले में मीरा रोड जाने की कोशिश की. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. बता दें कि मीरा रोड पर जनवरी में सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं. पुलिस ने वारिस पठान को दहिसर चौकी पर ही हिरासत में ले लिया, हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. अयोध्या में पिछले महीने राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले मीरा रोड इलाके में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी.
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मीरा रोड जा रहे AIMIM नेता को मुंबई पुलिस ने रोका
दहिसर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि एआईएमआईएम नेता को दहिसर 'जांच नाके' पर उस समय रोका गया, जब वह मीरा रोड जा रहे थे. उन्होंने कहा, 'पठान को दहिसर पुलिस थाने लाया गया और कुछ समय बाद रिहा कर दिया गया. पुलिस उन्हें दक्षिण मुंबई में उनके आवास तक ले गई.' अधिकारी ने बताया कि एआईएमआईएम कार्यकर्ता भी पुलिस थाने के बाहर जमा हो गए, लेकिन उन्हें वहां से चले जाने को कहा गया. कुछ दिन पहले, पठान ने घोषणा की थी कि वह मीरा रोड का दौरा करेंगे और मीरा भयंदर वसई विरार (एमबीवीवी) के पुलिस आयुक्त से मिलेंगे. अधिकारी ने कहा कि मुंबई और एमबीवीवी पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी किया था.
कार्यकर्ताओं की नारेबाजी के बीच हिरासत में वारिस पठान
वारिस पठान ने कहा, "मैंने पुलिस को सूचित किया था कि मैं 19 फरवरी को मीरा रोड जाऊंगा, लेकिन मुझे अनुमति नहीं दी गई और वे मुझे वहां जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. उन्होंने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं की नारेबाजी के बीच पुलिसकर्मी उन्हें पुलिस वाहन तक ले जा रहे हैं. वारिस पठान ने बताया कि उन्हें मुंबई पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया, जब वे "घृणास्पद भाषण देने वाले" लोगों के खिलाफ पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे. एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, "मुझे उन लोगों के खिलाफ ज्ञापन सौंपने के लिए पुलिस कमिश्नर से मिलना था जो नफरत भरे भाषण दे रहे हैं और सांप्रदायिक अशांति पैदा कर रहे हैं, लेकिन मुझे गिरफ्तार कर लिया गया."
"मेरे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन"
उसी दिन छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती को ध्यान में रखते हुए, पुलिस 18 फरवरी, रविवार को पठान के घर गई थी और उन्हें सीआरपीसी की धारा 149 के तहत नोटिस दिया था. पुलिस के नोटिस के बावजूद, पठान मीरा रोड की ओर जा रहे थे, उसी समय उन्हें दहिसर पुलिस ने रोका और हिरासत में लिया. एआईएमआईएम नेता ने मुंबई पुलिस की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया है. उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता था कि मुझे कहां ले जाया जा रहा है."
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