ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने स्पष्ट किया है कि यूपी में चुनाव प्रचार के दौरान की गई उनकी टिप्पणी, पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धमकी नहीं थी. कानपुर में दिए गए भाषण का एक हिस्सा वायरल होने के बाद ओवैसी की ओर से यह सफाई पेश की गई है. वीडियो क्लिप में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'कृपया ध्यान रखिए,योगी हमेशा मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे. मोदी भी हमेशा पीएम नहीं रहेंगे. हम मुस्लिम आपका अन्याय भूलेंगे नहीं. हम यह अन्याय याद रखेंगे. चीजें बदलेंगी. तब तुम्हें बचाने कौन आएगा? जब योगी मठ चले आएंगे और मोदी वापस पहाड़ों में चले जाएंगे, तब कौन आएगा? ' ओवैसी ने कहा कि उन्होंने यह टिप्पणी यूपी पुलिस के द्वारा मुस्लिमों पर अत्याचारों की लिस्टिंग के बाद की थी. उन्होंने कहा कि टिप्पणियों को जानबूझकर गलत तरीके से पेश करने के लिए इस महत्वपूर्ण संदर्भ को एडिट कर दिया गया.
गौरतलब है कि ओवैसी के आलोचकों ने उन पर हेट स्पीच का आरोप लगाया था और कहा था कि यह टिप्पणी उतनी ही निंदा योग्य है जितनी हरिद्वार में तीन दिवसीय धर्म संसद में हिंदुत्ववादी नेताओं की टिप्पणियां. कार्यक्रम को हुए तीन दिन बीत जाने के बाद गुरुवार को उत्तराखंड पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. हालांकि अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है. उत्तराखंड पुलिस ने सिर्फ़ एक आरोपी को नामित किया है.इस धर्म संसद में शामिल होकर विवादास्पद बयान देने वाले हिंदू रक्षा दल सेना के अध्यक्ष प्रबोधानंद गिरी ने एनडीटीवी से कहा कि धर्म संसद का उद्देश्य फैलाए जा रहे मुस्लिम जिहाद के नाम पर आतंकवाद के खिलाफ संकल्प लेना था. मैंने जो कहा है, मैं उस पर कायम हूं. शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने भी आज ओवैसी के भाषण की आलोचना की ओर इसे शर्मनाक करार दिया.