'मदरसों के सर्वे की क्या जरूरत है?' : ओवैसी ने UP सरकार से पूछा; अखिलेश यादव की 'खामोशी' पर भी उठाए सवाल

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में संचालित हो रहे सभी गैर-मान्यता प्राप्त निजी मदरसों के सर्वेक्षण का 31 अगस्त को आदेश दिया था.

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AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी.
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे को लेकर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए हैं. साथ ही इस सर्वे पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की 'खामोशी' को लेकर भी निशाना साधा है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख ओवैसी ने मदरसों को 'मुस्लिमों का किला और चिराग' बताते हुए कहा कि यूपी में हो रहे सर्वे की मैं निंदा करता हूं, इसकी क्या जरूरत है. 

ओवैसी ने कहा कि 'इन्हीं मदरसों से हाफिज, इमाम, मुफ्ती ये सब पढ़कर निकलते हैं. इस्लाम की तालीम देते हैं. अच्छे और बुरे में फर्क बताते हैं. जिहाद और फसाद में फर्क दीन का जानकार ही बताता है.'

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में संचालित हो रहे सभी गैर-मान्यता प्राप्त निजी मदरसों के सर्वेक्षण का 31 अगस्त को आदेश दिया था. इसके लिए 10 सितंबर तक टीम गठित करने का काम खत्म कर लिया गया है. आदेश के मुताबिक, 15 अक्टूबर तक सर्वे पूरा करके 25 अक्टूबर तक रिपोर्ट सरकार को सौंपने को कहा गया है.

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ओवैसी ने कहा, 'हमारे मुल्क में मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है. मैं यूपी में हो रहे सर्वे की निंदा करता हूं. मैं पूछता हूं कि सर्वे की जरूरत क्यों है? सर्वे के बाद क्या हालात होंगे? मुझ पर जो निशाना साध रहे थे, कि ओवैसी ने यूपी में जाकर चुनाव क्यों लड़ा? अब सर्वे के वक्त आप लोग कहां गए? क्यों खामोश बैठे हैं? ये तुम्हारी कौनसी सियासत है? जब मैं चुनाव लड़ रहा था तो तुम रात के अंधेरे में मुस्लिम बस्तियों में जाकर कहते थे कि असद से दूर रहो, अखिलेश को करीब करो. अब अखिलेश मुंह नहीं खोल रहे, असद ही बोल रहे हैं. इस पर तो सोचिए.'

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साथ ही उन्होंने कहा, 'यूपी में समाजवादी पार्टी भाजपा को नहीं हरा पाई तो आप भाजपा के दुमछल्ले बन गए. बताईए आपकी ये कौनसी सियासत है? मेरा विरोध कीजिए, कोई दिक्कत नहीं. लेकिन आप जिसके लिए काम कर रहे हैं, उसे तो बोलें कि मुंह खोलिए. कुछ तो बोलिए.'

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न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में इस वक्त लगभग 16 हजार निजी मदरसे संचालित हो रहे हैं, जिनमें विश्व प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवतुल उलमा और दारुल उलूम देवबंद भी शामिल हैं.

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