स्कूली बच्चों को लेकर AIIMS का ये सर्वे आपको भी हैरान कर देगा

इस सर्वे के मुताबिक किसी भी नशीले पदार्थ के सेवन की शुरुआत की औसत आयु 12.9 वर्ष थी. यह सूंघने वाले नशीले पदार्थों (11.3 वर्ष) के लिए सबसे कम थी, उसके बाद हेरोइन (12.3 वर्ष) और ओपिओइड फार्मास्यूटिकल्स (बिना डॉक्टर के पर्चे के; 12.5 वर्ष) का स्थान था.

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  • एम्स के सर्वे में स्कूली बच्चों में मादक पदार्थों के सेवन की औसत आयु लगभग तेरह वर्ष पाई गई है
  • कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं के छात्रों में नशीले पदार्थों के उपयोग की संभावना आठवीं कक्षा के मुकाबले दोगुनी है
  • सर्वे में दस शहरों के लगभग छह हजार छात्रों का डेटा मई 2018 से जून 2019 के बीच एकत्रित किया गया था
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नई दिल्ली:

स्कूल जाने वाले बच्चों को लेकर एम्स का एक हैरान करने वाला सर्वे सामने आया है. इस सर्वे में पता चला है कि देश के विभिन्न शहरों में स्कूली बच्चे नशीले पदार्थों और धूम्रपान की आदतें अपना रहे हैं और शराब का सेवन कर रहे हैं. इन हानिकारक पदार्थों के सेवन की औसत आयु लगभग 13 वर्ष पाई गई है, जो प्राथमिक विद्यालय स्तर से ही शुरुआती हस्तक्षेप की आवश्यकता को दर्शाती है.अध्ययन के निष्कर्षों से यह भी पता चला कि छात्रों के उच्च कक्षाओं में जाने पर मादक पदार्थों का सेवन बढ़ जाता है, और कक्षा 11वीं/12वीं के छात्रों द्वारा नशीले पदार्थों के सेवन की रिपोर्ट करने की संभावना कक्षा आठवीं के छात्रों की तुलना में दोगुनी होती है. इससे माध्यमिक और उच्च विद्यालय स्तर पर निरंतर रोकथाम और हस्तक्षेप के महत्व पर बल मिलता है.

दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के राष्ट्रीय नशा मुक्ति उपचार केंद्र की डॉ. अंजू धवन के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन को इस महीने ‘नेशनल मेडिकल जर्नल ऑफ इंडिया' में प्रकाशित किया गया है. इस अध्ययन में विभिन्न क्षेत्रों में किशोरों द्वारा मादक पदार्थों के सेवन का विश्लेषण किया गया है.इस सर्वेक्षण में बेंगलुरु, चंडीगढ़, दिल्ली, डिब्रूगढ़, हैदराबाद, इंफाल, जम्मू, लखनऊ, मुंबई और रांची सहित 10 शहरों के सरकारी, निजी और ग्रामीण विद्यालयों में कक्षा आठवीं, नौवीं, 11वीं और 12वीं के 5,920 छात्र शामिल थे. मई 2018 से जून 2019 के बीच ये आंकड़े एकत्र किए गए.

किसी भी नशीले पदार्थ के सेवन की शुरुआत की औसत आयु 12.9 वर्ष थी. यह सूंघने वाले नशीले पदार्थों (11.3 वर्ष) के लिए सबसे कम थी, उसके बाद हेरोइन (12.3 वर्ष) और ओपिओइड फार्मास्यूटिकल्स (बिना डॉक्टर के पर्चे के; 12.5 वर्ष) का स्थान था.अध्ययन में पाया गया कि कुल मिलाकर, 15.1 प्रतिशत प्रतिभागियों ने हमेशा किसी भी नशीले पदार्थ के इस्तेमाल की सूचना दी, 10.3 प्रतिशत ने पिछले वर्ष इस्तेमाल की सूचना दी और 7.2 प्रतिशत ने पिछले महीने किसी भी नशीले पदार्थ के इस्तेमाल की सूचना दी.

जब प्रत्येक पदार्थ श्रेणी के लिए अलग-अलग यह सवाल किया गया, 'क्या आपको लगता है कि यह पदार्थ आपकी उम्र के व्यक्ति के लिए आसानी से उपलब्ध है?', तो लगभग आधे छात्रों (46.3 प्रतिशत) ने तंबाकू उत्पादों का समर्थन किया और एक तिहाई से अधिक छात्रों (36.5 प्रतिशत) ने सहमति व्यक्त की कि उनकी उम्र का व्यक्ति आसानी से शराब उत्पाद प्राप्त कर सकता है.

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