पटना में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में इस साल महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोरोनावायरस (Coronavirus) से संक्रमित लोगों में ब्लड शुगर के स्तर में असामान्य वृद्धि पाई गई है. पटना में एम्स द्वारा किए गए टेलीफोनिक सर्वे में ये खुलासा हुआ है. अस्पताल ने 3,000 ऐसे लोगों को कॉल किया था, जिनका COVID-19 का इलाज किया गया था और वे सभी कोविड से ठीक हो चुके थे. लंबे समय बाद उनसे उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा गया था.
पोस्ट-ट्रॉमा डिपार्टमेंट और कम्यूनिटी आउटरीच के हेड डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि उन्होंने कोविड से ठीक हुए रोगियों से थकान और भूख न लगने समेत कम से कम 11 प्रकार के स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में पूछा और उनके बयान रिकॉर्ड किए.
सर्वेक्षण का उपयोग ठीक हुए रोगियों को उचित आहार और व्यायाम जैसे सुधारात्मक कदमों के बारे में सलाह देने के लिए भी किया गया था जो उन्हें लंबे समय में मदद कर सकते हैं.
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सर्वे के मुताबिक 3,000 उत्तरदाताओं में से, 480 या 16 फीसदी लोगों ने बताया कि उनके ब्लड शुगर का स्तर कोविड से उबरने के बाद बढ़ गया है. 840 या 28 फीसदी ने कोविड निगेटिव होने के बाद लंबे समय तक कमजोरी महसूस करने की सूचना दी. कुल 636 या 21.2 फीसदी लोगों ने बताया कि उन्हें कोविड के बाद थकान है.
सर्वे में माइनर एम्प्यूटेशन का एक केस सामने आया.
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सर्वेक्षण में उत्तरदाताओं ने जो कहा उसके बारे में कुछ विवरण यहां दिए गए हैं: खांसी (474 या 15.8 फीसदी), सांस लेने में समस्या (150 या 5 फीसदी), गैंग्रीन (10 या 0.33 फीसदी), उच्च रक्तचाप (210 या 7 फीसदी), ब्लैक फंगस ( 5 या 0.16 फीसदी) और मानसिक समस्याएं जैसे चिंता और धड़कन (120 या 4 फीसदी).
हालांकि ब्लैक फंगस के मामले अब कम हो रहे हैं. एंटी-फंगल दवा एम्फोटेरिसिन बी की अनियमित आपूर्ति के कारण इसमें असामान्य वृद्धि हुई थी. यहां तक कि सर्जरी के बाद भी रोगियों को ऐसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था
कोरोनोवायरस के प्रभाव का डॉक्टर और वैज्ञानिक अभी भी बारीकी से निगरानी कर रहे हैं जिसे अब "लॉन्ग कोविड" के रूप में जाना जाता है. दुनिया भर से ऐसी खबरें आ रही हैं कि निगेटिव टेस्ट करने के बाद भी लोगों में नई स्वास्थ्य समस्याएं सामने आ रही हैं.