'एक साल बाद कोविड वैक्सीन बूस्टर के बारे में सोच सकते हैं' : NDTV से बोले AIIMS चीफ

कोरोना की अंतिम बूस्टर डोज पर डॉ गुलेरिया ने बताया कि इस पर चर्चा की जा रही है कि इसे एंटीबॉडी की उपस्थिति के बजाय समय (कोरोनावायरस से सुरक्षा की लंबाई) पर आधारित होना चाहिए.

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डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि हमें विश्वास है कि जल्द ही बच्चों का टीकाकरण भी शुरू हो जाएगा.

नई दिल्ली:

कोविड-19 वैक्सीन की बूस्टर डोज (Covid Vaccine Booster Dose) की जरूरत अगले वर्ष कभी भी हो सकती है. हालांकि निर्भर करेगा कि पहले से दी गई दोनों डोज बीमारी और मृत्यु से कब तक बचाए रखती हैं. यह बातें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने शनिवार को एनडीटीवी से बातचीत में कही. उन्होंने बच्चों के टीकाकरण पर चर्चा करते हुए कहा कि अमेरिका जैसे कुछ अन्य देशों ने इसकी सिफारिश की है. हमें भरोसा है कि जल्द ही बच्चों का टीकाकरण भी शुरू हो जाएगा.

कोरोना की अंतिम बूस्टर डोज पर डॉ गुलेरिया ने बताया कि इस पर चर्चा की जा रही है कि इसे एंटीबॉडी की उपस्थिति के बजाय समय (कोरोनावायरस से सुरक्षा की अवधि) पर आधारित होना चाहिए. हमारे पास बूस्टर के लिए समयरेखा पर कोई निश्चित जवाब नहीं है. अभी हम एंटीबॉडी के आधार पर बूस्टर शॉट देने का फैसला नहीं कर सकते. इसे समय पर आधारित होना चाहिए, यानी कि दूसरी खुराक मिले आपको कितना समय हो गया है. आमतौर पर एक साल के बाद हम बूस्टर शॉट्स को देखना शुरू कर सकते हैं.

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उन्होंने बताया कि हमें अधिक डेटा की आवश्यकता है. ब्रिटेन में हम बढ़े हुए मामले देख रहे हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने के मामलों या मौतों में वृद्धि नहीं हुई है. ब्रिटेन ने दिसंबर (भारत से एक महीने पहले) में अपना टीकाकरण शुरू किया था. अगर हम अधिक अस्पताल में भर्ती होने की संख्या नहीं देख रहे हैं, तो इसका मतलब है कि दिसंबर में ब्रिटेन में दी गई खुराक अब तक असर दिखा रही हैं. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अभी हम भी सुरक्षित जोन में हैं. लेकिन अगर वायरस उत्परिवर्तित होता है और इससे हमारी रोग प्रतिरोग क्षमता कम होती है तो बूस्टर की जरूरत होगी. 

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उन्होंने बताया कि अभी कोई स्पष्ट योजना नहीं है, बातचीत चल रही है. मुझे लगता है कि अगले साल कभी भी हम बूस्टर को देखेंगे. हम पहले अधिक कमजोर वर्गों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जैसे कि बुजुर्ग हैं, क्योंकि उन्हें गंभीर कोविड का अधिक खतरा है.

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सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ आदार पूनावालिया ने इसी हफ्ते एनडीटीवी को बताया था कि अगले साल तक बूस्टर्स की जरूरत हो सकती है. हम एक वर्ष या उससे अधिक समय बाद बूस्टर देने पर विचार कर सकते हैं. 

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बच्चों के लिए टीकों के लिए ड्रग कंट्रोलर ने Zydus Cadila के ZyCov-D को मंजूरी दे दी है, लेकिन अभी तक Bharat Biotech के Covaxin को मंजूरी नहीं दी गई है, जिसे 12 दिन पहले विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा पारित किया गया था.

डॉ गुलेरिया ने कहा कि वह डीसीजीआई के लिए जवाब नहीं दे सकते हैं, लेकिन बच्चों के लिए दो टीकों को मंजूरी दी गई है, जिनमें Covaxin और ZyCov-D शामिल हैं, जिन्हें वैक्सीनेशन कार्यक्रम में शामिल किए जाने का इंतजार है. विशेषज्ञ पैनल द्वारा कोवैक्सिन को मंजूरी दे दी गई है और मुझे यकीन है कि ड्रग कंट्रोलर जनरल भी इस पर सहमति दे देंगे.

उन्होंने अगामी दिवाली के त्योहार पर सतर्कता बरतने ने सलाह देते हुए कहा कि बंगाल में दुर्गा पूजा के बाद तेजी से संक्रमण फैला था. इसलिए हमें दिवाली पर सतर्क रहना होगा. हमें तीन चीजों को करने की जरूरत है जिनमें कोरोना के नियम, पूरी तरह वैक्सीनेशन कराना और हॉटस्पॉट को चिन्हित कर उसने दूर रहना शामिल है.

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