‘नहीं पता प्लेन क्रैश में कैसे जिंदा बचा’... मौत को अकेले मात देने वाले पैंसेजर ‘11A’ के परिवार ने क्या कहा?

Ahmedabad Plane Crash: एयर इंडिया विमान दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र शख्स ने विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ सेकंड बाद एक फोन कॉल में अपने परिवार को बताया, "मुझे नहीं पता कि मैं कैसे जीवित हूं".

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Ahmedabad Air India Plane Crash: इस घातक दुर्घटना में एक यात्री मौत को मात देकर जिंदा बच गया.

125000 लीटर का जेट फ्यूल एयर इंडिया के प्लेन को क्रैश (Ahmedabad Plane Crash) होते आग के गुब्बारे में बदल चुका था, 265 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. लेकिन इन सबके बीच एक करिश्मा होते भी हमने देखा. सीट नंबर 11A वाला करिश्मा. इस घातक दुर्घटना में एक यात्री मौत को मात देकर जिंदा बच गया. जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति की पहचान भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश (39) के रूप में की गई है.

गुजरात के अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 गुरुवार, 12 जून को अहमदाबाद में क्रैश हो गई. सेलफोन से रिकॉर्ड किए गए और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में रमेश को अपने पैरों पर हादसे के तुरंत बाद इधर-उधर घूमते देखा गया - उसकी सफेद टी शर्ट और गहरे रंग की पतलून मुश्किल से धुंधली थी. वीडियो में वह लंगड़ाकर चलते दिख रहा है, जिससे पता चलता है कि उसके पैर में चोट है. उसके कपड़ों पर खून के धब्बे और कालिख के धब्बे हैं.

"मुझे नहीं पता कि मैं कैसे जिंदा हूं"

स्काई न्यूज के अनुसार रमेश के भाई ने बताया कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ सेकंड बाद ही एक फोन कॉल में रमेश ने अपने परिवार से कहा, "मुझे नहीं पता कि मैं कैसे जीवित हूं."

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लीसेस्टर से बोलते हुए, रमेश के भाई नयन ने स्काई न्यूज से कहा कि जब विमान रनवे पर था तब उनके पिता रमेश के साथ फोन पर ही थे. नयन ने कहा, "मेरे पिता ने उसे कॉल किया और रमेश ने कहा 'ओह, हम जल्द ही उड़ान भरने वाले हैं."

दो मिनट बाद, उनके पिता को रमेश का एक वीडियो कॉल आया, जिसमें कहा गया कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है और वह बच गए हैं. नयन ने कहा, "जब वह दुर्घटनाग्रस्त हुआ तो उसने मेरे पिता को वीडियो कॉल किया और कहा, 'ओह, विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. मुझे नहीं पता कि मेरा भाई कहां है. मैं किसी अन्य यात्री को नहीं देख रहा हूं. मुझे नहीं पता कि मैं कैसे जीवित हूं - मैं विमान से बाहर कैसे निकला."

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नयन कुमार रमेश ने कहा कि उन्हें गुरुवार को गैटविक एयरपोर्ट से अपने भाई को लेने जाना था और पूरे परिवार ने इस सप्ताह के आखिर में एक फंक्शन में एक साथ आने की योजना बनाई थी. उन्होंने कहा, "मेरे पास इसे बताने के लिए शब्द नहीं हैं… यह एक चमत्कार है कि वह बच गया - लेकिन मेरे दूसरे भाई के लिए दूसरे चमत्कार के बारे में क्या?"

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जब उनसे पूछा गया कि वह और उनके रिश्तेदार कैसा महसूस कर रहे हैं, तो उन्होंने जवाब दिया: "बेहद परेशान हूं. मुझे अब उड़ान भरने से डर लग रहा है - यहां तक ​​कि विमान में बैठने से भी."

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(इनुट- स्काई न्यूज)

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