Ahmedabad Plane Crash : प्लेन के उड़ान भरने से लेकर क्रैश तक कब क्या हुआ, लेटेस्ट अपडेट में जानें हर एक बात

पायलट ने दोपहर 1.39 बजे उड़ान भरने के तुरंत बाद 'मेडे' (आपातकालीन संदेश देने के लिए) कॉल किया, जो खतरे का संकेत था. विमान के ‘ब्लैक बॉक्स’ (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) की भी तलाश जारी है, ताकि यह पता चल सके कि अंतिम पलों में क्या हुआ था.

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Air India Plane Crash- विमान में कुल 242 लोग थे सवार
अहमदाबाद:

एअर इंडिया का लंदन जा रहा विमान गुरुवार दोपहर अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद एक मेडिकल कॉलेज कैंपस में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में कम से कम 265 लोग मारे गए. विमान में दो पायलट और चालक दल के 10 सदस्य सहित 242 लोग सवार थे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सीआर पाटिल के अनुसार, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी मृतकों में शामिल हैं. ऐसी भी खबरें हैं कि विश्वाश कुमार रमेश नामक एक यात्री, जो बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (एआई171) की 11ए सीट पर बैठा था, चमत्कारिक रूप से बच गया.

भयानक विमान हादसे में 265 लोगों की मौत

सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास शहर के सिविल अस्पताल और बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर में विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना देश के सबसे घातक हवाई हादसों में से एक है. पुलिस उपायुक्त कानन देसाई ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें प्राप्त संदेश के अनुसार 265 शव शहर सिविल अस्पताल पहुंचाए जा चुके हैं.'' एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मरने वालों में चार एमबीबीएस छात्र और एक चिकित्सक की पत्नी शामिल है. बहुमंजिला छात्रावास भवन में दोपहर के भोजन के समय विमान के कुछ हिस्से के भोजन कक्ष से टकराने के कारण कई छात्र प्रभावित हुए.

ब्रिटिश, पुर्तगाली, कनाडाई लोगों की मौत

एअर इंडिया के मुताबिक, विमान में सवार 230 यात्रियों में से 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और सात पुर्तगाली नागरिक थे. विमान में सवार अन्य 12 लोगों में दो पायलट और चालक दल के 10 सदस्य थे. अहमदाबाद सिविल अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में कार्यरत डॉ. शरीक एम ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि हादसे में जीवित बचे रमेश को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वह अपने भाई के साथ लंदन जा रहा था.

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एयर इंडिया क्रैश पर क्या बोले गृह मंंत्री

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के विमान का तापमान ईंधन जलने के कारण इतना अधिक था कि किसी को बचा पाने की कोई गुंजाइश ही नहीं थी. शाह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विमान के अंदर 1.25 लाख लीटर ईंधन था. विमान गर्म हो गया था, इसलिए किसी को भी बचाने की गुंजाइश नहीं थी.'' उन्होंने कहा कि इस त्रासदी के बाद पूरा देश गहरे सदमे में है. शाह ने दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजन के प्रति संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी मृतकों की संख्या डीएनए जांच और पीड़ितों की पहचान के बाद आधिकारिक तौर पर जारी करेंगे.'' शाह ने कहा, ‘‘अच्छी खबर यह है कि दुर्घटना में एक व्यक्ति बच गया है और मैं उससे मिलने के बाद यहां आया हूं.'' उन्होंने कहा, ‘‘विमान दुर्घटना में मारे गए लोगों के शवों से डीएनए नमूने एकत्र करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है. फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला और गुजरात में राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय पीड़ितों के डीएनए की जांच करेंगे.''

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242 लोगों से भरा प्लेन कैसे हुआ हादसे का शिकार

अहमदाबाद में हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) ने बताया कि विमान के पायलट ने अपराह्न 1.39 बजे उड़ान भरने के तुरंत बाद 'मेडे' (आपातकालीन संदेश देने के लिए) कॉल किया, जो पूर्ण आपात स्थिति का संकेत था. विमान के ‘ब्लैक बॉक्स' (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) की भी तलाश जारी है, ताकि यह पता चल सके कि अंतिम पलों में क्या हुआ था. बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद एकदम तेजी से नीचे आया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया. दुर्घटनास्थल पर काले धुएं का गुबार उठता देखा गया.  बोइंग का यह विमान 11 साल पुराना था. लंबी यात्रा के लिए ईंधन टंकी पूरी तरह से भरी रहने का उल्लेख करते हुए एविऐशन एक्सपर्ट ने बताया कि विमान नीचे गिरने से पहले महज 600 से 800 फुट की ऊंचाई पर गया था.

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आखिर कहां हुई चूक, जिस वजह से हुआ इतना बड़ा हादसा

एक्सपर्ट के मुताबिक उपलब्ध वीडियो फुटेज के अनुसार, दोनों इंजन का पूरी क्षमता से काम न करना या पक्षी का टकराना दुर्घटना के संभावित कारणों में से एक हो सकता है. टेलीविजन पर प्रसारित फुटेज में देखा जा सकता है कि विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद नीचे की ओर आया, जबकि उसका लैंडिंग गियर (पहिया) अब भी बाहर निकला हुआ था. डीजीसीए के एक बयान के मुताबिक, ‘‘विमान ने अहमदाबाद से अपराह्न 1.39 बजे रनवे 23 से उड़ान भरी. इसने एटीसी (हवाई यातायात नियंत्रण) को ‘मेडे' (आपातकालीन संदेश देने के लिए) कॉल किया, लेकिन उसके बाद एटीसी द्वारा की गई कॉल का विमान से कोई जवाब नहीं मिला.''

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प्लेन की आग में जिंदा जल गए लोग

बचावकर्मियों ने मलबे में जीवित बचे लोगों को खोजने और घायलों को बाहर निकालने के लिए काफी जद्दोजहद की, जिनमें से कई गंभीर रूप से झुलसे हुए थे. दुर्घटनास्थल के वीडियो में झुलसे हुए शवों को बाहर निकालते हुए तथा घायलों को, जिनमें से कई झुलसे हुए थे, नजदीक स्थित सिविल अस्पताल ले जाते देखा जा सकता है. अहमदाबाद में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद इसमें लगी आग इतनी भीषण थी कि उसकी वजह से कई बहुमंजिला इमारतें बुरी तरह से प्रभावित हुईं, पेड़ झुलस गए और कारें क्षतिग्रस्त हो गईं.

मेडिकल स्टूडेंट की हॉस्टल मेस में जा घुसा प्लेन

एक वीडियो में विमान का पिछला हिस्सा इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल से टकराता हुआ देखा जा सकता है, जो नर्सों और चिकित्सकों के छात्रावास का भोजन कक्ष प्रतीत हो रहा है. यह बोइंग ड्रीमलाइनर से जुड़ी पहली दुर्घटना है, जिसे इसकी उन्नत विशेषताओं के लिए जाना जाता है. वहीं, यह 2020 के बाद से भारत की दूसरी सबसे बड़ी विमान दुर्घटना है, जब एअर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान केरल के कोझीकोड में उतरते समय गीले रनवे से फिसल गया था और उसके दो टुकड़े हो गए थे. विमान में सवार 190 लोगों में से दो पायलट सहित 21 लोगों की जान चली गई थी.

दुनियाभर के आ रहे शोक संदेश, जानें किसने क्या कहा

इस दुर्घटना को लेकर देश-विदेश के नेताओं और राष्ट्राध्यक्षों तथा अन्य ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उनकी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं प्रभावित लोगों के साथ हैं. उन्होंने कहा, ‘‘दुख की इस घड़ी में राष्ट्र प्रभावित लोगों के साथ खड़ा है.'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अहमदाबाद की त्रासदी से हम स्तब्ध और दुखी हैं. यह हृदयविदारक है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.'' उन्होंने कहा, ‘‘दुख की इस घड़ी में, मेरी संवेदनाएं सभी प्रभावित लोगों के साथ हैं. मैं मंत्रियों और अधिकारियों के संपर्क में हूं, जो प्रभावित लोगों की सहायता के लिए काम कर रहे हैं.''

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री पीके धूमल ने अहमदाबाद विमान दुर्घटना में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया. प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई.

ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय ने भी शोक जाहिर किया

ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय ने कहा कि वह और उनकी पत्नी रानी कैमिला ‘‘अहमदाबाद में हुई भयावह दुर्घटना से स्तब्ध हैं.'' बकिंघम पैलेस (ब्रिटिश राष्ट्राध्यक्ष आवास) की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, ‘‘अहमदाबाद में हुए भयावह विमान हादसे की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ. मेरी संवेदनाएं सभी प्रभावित लोगों के साथ हैं. ब्रिटेन, भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर तथ्यों का तत्काल पता लगाने और सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहा है.''

ब्रिटिश पीएम ने शोक संदेश में क्या कुछ कहा

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने कहा कि कई ब्रिटिश नागरिकों को लेकर लंदन आ रहे विमान के अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त होने के दृश्य भयावह हैं. वहीं, नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने विमान दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहा हूं और सभी विमानन और आपातकालीन प्रतिक्रिया एजेंसियों को त्वरित और समन्वित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.'' नायडू ने कहा कि डीजीसीए, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, एअर इंडिया, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और स्थानीय प्रशासन की टीम पीड़ितों और उनके परिजनों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं. उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैंने अहमदाबाद में दुर्घटनास्थल का दौरा किया, (और) मैंने जो देखा वह बेहद दुखद है. मैं मौके पर हूं और बचाव और राहत प्रयासों की बारीकी से समीक्षा कर रहा हूं.''

कौन उड़ा रहे थे एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर प्लेन

डीजीसीए ने एक बयान में बताया कि उड़ान की कमान कैप्टन सुमित सभरवाल के हाथों में थी. उनके साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर भी थे. सभरवाल के पास 8,200 घंटे की उड़ान का अनुभव था, जबकि कुंदर के पास 1,100 घंटे की उड़ान का अनुभव था. बयान के अनुसार, रनवे 23 से उड़ान भरने के तुरंत बाद विमान हवाई अड्डे की परिधि के बाहर, नीचे गिर गया. बयान में कहा गया है, ‘‘12 जून 2025 को एअर इंडिया का बी787 विमान वीटी-एएनबी अहमदाबाद से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया.'' इसमें कहा गया है कि विमान में दो पायलट और चालक दल के 10 सदस्य सहित 242 लोग सवार थे.

खौफनाक हादसे की आंखोंदेखी

प्रत्यक्षदर्शी हरेश शाह ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘विमान बहुत नीचे उड़ रहा था और यह सिविल अस्पताल और बीजे मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के आवासीय क्वार्टर से टकरा गया.'' उन्होंने कहा, ‘‘वहां कई पांच मंजिला इमारतें हैं, जो चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के आवासीय क्वार्टर हैं. उन अपार्टमेंट में रहने वाले कई लोग घायल हुए हैं, क्योंकि विमान के साथ-साथ इमारतों में भी आग लग गई.'' एअर इंडिया के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि एक आपात सहायता केंद्र शुरू किया गया है और जानकारी चाहने वाले पीड़ितों के परिजनों के लिए सहायता टीम गठित की गई हैं.

एअर इंडिया के सीईओ ने प्लेन हादसे पर क्या कहा

एअर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन ने भी दुर्घटना पर ‘‘गहरा दुख'' व्यक्त करते हुए कहा कि यह एयरलाइन में सभी के लिए ‘‘कठिन दिन'' है. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘घायल यात्रियों को स्थानीय अधिकारियों द्वारा निकटतम अस्पतालों में ले जाया गया है. हम, सभी आपातकालीन सहायता के लिए अधिकारियों के साथ तत्परता से काम कर रहे हैं.'' गुजरात के स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना में मारे गए लोगों की पहचान के लिए डीएनए जांच की जाएगी. हालांकि, उन्होंने मृतकों की संख्या बताने से इनकार कर दिया.

शवों की पहचान तक नहीं हो पाई, हेल्पलाइन नंबर जारी

ऐसी खबरें हैं कि मलबे से 200 से अधिक शव बरामद किए गए हैं. शवों के झुलस जाने की वजह से उनकी पहचान नहीं हो पा रही. विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग ने एक बयान में कहा कि वह एअर इंडिया के संपर्क में है और टाटा के स्वामित्व वाली एयरलाइन को हर सहायता देने के लिए तैयार है. एअर इंडिया ने एक बयान में कहा, ‘‘हमने और विवरण उपलब्ध कराने के लिए एक यात्री हॉटलाइन नंबर शुरू किया है.''

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