कुल आय के अनुपात में देय मासिक किस्त के आधार पर अहमदाबाद देश के आठ प्रमुख शहरों में सबसे सस्ता या किफायती आवास बाजार है, जबकि मुंबई सबसे महंगा शहर है. नाइट फ्रैंक की तरफ से बुधवार को जारी किफायती आवास सूचकांक रिपोर्ट-2021 कहती है कि भारतीय बाजार किफायती आवास के मामले में दशक की सबसे अच्छी स्थिति में हैं. घरों की कीमतों में आई गिरावट और आवास ऋण पर ब्याज दर कम होने से वर्ष 2021 में घरों से जुड़ी किफायत बढ़ी है. यह सूचकांक दर्शाता है कि किसी शहर में रहने वाले परिवार को आय के अनुपात में कितनी रकम मासिक किस्त के तौर पर देनी पड़ती है. मसलन, यह अनुपात 40 प्रतिशत होने का मतलब है कि उस शहर के एक परिवार को अपनी आय का 40 फीसदी हिस्सा मासिक किस्त के रूप में चुकाना होता है.
इस सूचकांक के निर्धारण में 50 फीसदी से अधिक आय एवं किस्त अनुपात होने पर उस शहर को रहने के लिहाज से किफायती नहीं माना जाता है.
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नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली-एनसीआर इलाके में आवास किफायत अनुपात सबसे ज्यादा सुधरा है. वर्ष 2020 में यह 38 प्रतिशत था, लेकिन इस साल यह 28 प्रतिशत पर आ गया.
इस सूची में अहमदाबाद सबसे सस्ते आवास बाजार के तौर पर सामने आया है. वहां पर एक परिवार को अपनी मासिक आय का सिर्फ 20 प्रतिशत ही घर की किस्त या होम लोन के रूप में चुकाना होता है. पुणे 24 प्रतिशत के अनुपात के साथ सूची में दूसरे स्थान पर है.
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वहीं मुंबई में आय एवं मासिक किस्त का अनुपात 53 प्रतिशत होने से यह सबसे महंगा आवास बाजार बन जाता है. हैदराबाद में 29 फीसदी, बेंगलूरु में 26 फीसदी और चेन्नई एवं कोलकाता में 25-25 फीसदी का अनुपात है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)