नकली बीज बेचने वालों की खैर नहीं, आएगा नया 'सीड बिल 2025', शिवराज सिंह चौहान बोले - 'किसान को बर्बाद नहीं होने देंगे'

कृषि मंत्री ने बीज उत्पादकों से कहा कि वो किसानों को जो बीज देते हैं वो बेहतर ढंग से, परीक्षण करके दें, क्योंकि किसान की एक साल अगर फसल बिगड़ गई तो 5 साल के लिए फिर वो बुरी हालत में रहता है.

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"अगर कोई डीलर नकली सीड्स बेचता है उसको कैसे रोका जा सकता है? हम सीड ऐक्ट ला रहे हैं. इस बार हमने तय किया है. संसद के बजट सत्र में हम पेस्टिसाइड और सीड दोनों एक्ट लेकर आएंगे, हम किसान को बर्बाद नहीं होने दे सकते", केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मुंबई में एशियाई बीज कांग्रेस 2025 में ये अहम बात कही.

सरकार ने कसी कमर

दरअसल इस साल देश के कई हिस्सों से किसानों की तरफ से सरकार के सामने ख़राब बीज और नकली कीटनाशकों की शिकायत आई हैं. अब सरकार 1 दिसम्बर से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र के दौरान इन दोनों मामलों से सख्ती से निपटने के लिए नया बिल लाने की तैयारी कर रही है.  

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने एक नया बीज विधेयक, 2025 का मसौदा तैयार किया है. प्रस्तावित विधेयक मौजूदा बीज अधिनियम, 1966 और बीज (नियंत्रण) आदेश, 1983 का स्थान लेगा.

कृषि मंत्रालय के मुताबिक,

"बीज विधेयक, 2025 के मसौदे में बाजार में उपलब्ध बीजों और रोपण सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करना, किसानों को किफायती दरों पर अच्छे बीज उपलब्ध कराना, नकली और घटिया बीजों की बिक्री पर अंकुश लगाना, किसानों को हानि से बचाना, नवाचार को बढ़ावा देना, बीज की वैश्विक किस्मों को किसानों तक पहुंचाने के लिए बीज आयात को उदार बनाना और बीज आपूर्ति श्रृंखलाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही द्वारा किसानों के अधिकारों की रक्षा का प्रस्ताव है".

कृषि मंत्री ने पूछे सवाल

मुंबई में देश के बड़े बीज उत्पादकों को संबोधित करते हुए, कृषि मंत्री ने कहा - घटिया बीज एक समस्या है और वो समस्या आपके बीच में कुछ लोगों के कारण हुई है, इसको कौन रोकेगा? आपने कमेटी बनाई हुई है, वो काम करती है या नहीं करती?

सरकार की तरफ से देश के बड़े बीज उत्पादकों से कहा गया कि निजी क्षेत्र के बीज महंगे हैं, और इस वजह से अधिकांश किसान वंचित वर्ग से हैं क्योंकि वो इन बीजों का खर्च वहन करने में असमर्थ हैं.

कृषि मंत्री ने बीज उत्पादकों से कहा कि वो किसानों को जो बीज देते हैं वो बेहतर ढंग से, परीक्षण करके दें, क्योंकि किसान की एक साल अगर फसल बिगड़ गई तो 5 साल के लिए फिर वो बुरी हालत में रहता है.

शिवराज सिंह ने हाल ही में किसानों के साथ एक संवाद का जिक्र भी किया,

"अभी-अभी मैं कुछ क्षेत्र में गया. एक कंपनी ने धान की बहुत अच्छी वैराइटी कहकर दी… लेकिन फिर उसमें दाना बाली नहीं आई. किसान मेरे पास आए. फिर मैंने वैज्ञानिकों की टीम भेजी, उन्होंने जाँच की और बाद में वो मुआवज़ा देने का काम कर रहे हैं. लेकिन इससे कैसे बचा जा सकता है, ये हमको सोचना पड़ेगा".

खराब बीजों और इसके अवैध कारोबार में शामिल लोगों को सख्त चेतावनी देते हुए उन्होंने सरकार और निजी क्षेत्र से ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कार्रवाई करने को कहा. कृषि मंत्री ने कहा, बीजों की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण और गुणवत्ता शिकायतों के समाधान के साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 

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