आगरा: लॉकडाउन के दौरान मशहूर हुए ''कांजी बड़ा वाले बाबा'' का निधन, आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे नारायण सिंह

कांजी बड़ा वाले बाबा की ठेली का वीडियो वायरल होने के बाद उनके पास लोग कांजी बड़ा खाने के लिए पहुंचने लगे थे. बाबा नारायण सिंह के घर में एक बेटा और बड़े बेटे की विधवा बहू है. बाबा को कैंसर था.

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आगरा की प्रोफेसर कॉलोनी में कांजी बड़ा की ठेली लगाने वाले 90 साल के नारायण सिंह सोशल मीडिया पर मशहूर हुए थे. 
आगरा:

उत्तर प्रदेश के आगरा में लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर मशहूर हुए ''कांजी बड़ा वाले बाबा'' का कैंसर से निधन हो गया. वह इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे. इस संबंध में बाबा के बेटे पिंकी ने बताया कि वे कैंसर से पीड़ित थे और चार माह से ठेला लगाना भी बंद कर दिया था. उनकी तबियत बिगड़ती चली गयी और शनिवार को एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली.कोविड-19 की पहली लहर के बाद दिल्ली के ''बाबा का ढाबा'' के बाद अक्टूबर में आगरा की प्रोफेसर कॉलोनी में कांजी बड़ा की ठेली लगाने वाले 90 साल के नारायण सिंह सोशल मीडिया पर मशहूर हुए थे. 

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कांजी बड़ा वाले बाबा की ठेली का वीडियो वायरल होने के बाद उनके पास लोग कांजी बड़ा खाने के लिए पहुंचने लगे थे. बाबा नारायण सिंह के घर में एक बेटा और बड़े बेटे की विधवा बहू है. बाबा को कैंसर था.  कांजी बड़े की ठेली से ही उनका घर चलता था और अपना इलाज भी करा रहे थे. कोरोना की दूसरी लहर में चार महीने से ठेला लगाना बंद हो गया और बाबा की तबीयत बिगड़ती चली गई. नारायण सिंह का वीडियो वायरल होने के बाद जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह बिना बताए पहुंच गए थे और बाबा के कांजी बड़े खाए थे. उन्होंने बाबा को 500 रुपये दिए थे. महापौर नवीन जैन भी अपने समर्थकों के साथ बाबा के कांजी बड़े खाने पहुंचे थे. लेकिन बाबा की आर्थिक स्थित में सुधार नहीं हुआ और कैंसर का इलाज सही तरह से नहीं होने से बीमारी बढ़ती गई.

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जानकारी के अनुसार, यूट्यूब पर वीडियो डालने वाले ने बाद में आर्थिक मदद मिलने पर बाबा को 18 हजार रुपये दिए थे. उनका बेटा पिंकी मजदूरी करता है और विधवा बहू बबली कांजी बड़े तैयार करती थी और बाबा ठेला लगाते थे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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