"हमारी क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ" : चीन-पाकिस्तान के संयुक्त इन्फ्रा प्रोजेक्ट पर भारत

विदेश मंत्रालय ने कहा- हम सीपीईसी के खिलाफ हैं. यह हमारी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ है.

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नई दिल्ली:

पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoK) पर भारत के रुख को दोहराते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पूरा जम्मू-कश्मीर, लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है. उन्होंने कहा कि भारत चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के पक्ष में नहीं है क्योंकि यह नई दिल्ली की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ है.

साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ते सहयोग की रिपोर्टों पर एक सवाल के जवाब में जायसवाल ने कहा कि, "पीओके पर हम अपनी स्थिति पर बहुत सुसंगत हैं. पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश भारत का हिस्सा हैं, भारत का अभिन्न अंग हैं. वे भारत का अभिन्न अंग थे, वे भारत का अभिन्न अंग हैं और वे भारत का अभिन्न अंग रहेंगे."

उन्होंने कहा, "सीपीईसी पर हमारी स्थिति से आप भलीभांति परिचित हैं. हम इसके पक्ष में नहीं हैं, हम इसके खिलाफ हैं. यह हमारी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ है."

जायसवाल का यह बयान पाकिस्तान और चीन द्वारा अपनी संयुक्त परियोजना सीपीईसी को आगे बढ़ाने पर सहमति जताने तथा तीसरे पक्ष की भागीदारी के लिए तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के समर्थन के बाद आया है.

पाकिस्तान के मीडिया आउटलेट जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सीपीईसी की स्थिर गति पर संतोष जताया तथा "इस सहयोग को और उन्नत एवं विस्तारित करने" की शपथ ली.

पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों की पांचवी रणनीतिक वार्ता के बाद दोनों नेताओं ने सीपीईसी सहित अपने द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं पर गहन चर्चा की. इशाक डार और वांग यी ने मुख्य हितों के मुद्दों पर एक-दूसरे को समर्थन जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की.

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जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, डार ने कहा कि पाकिस्तान और चीन मेन लाइन-1 रेलवे लाइन परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी लाएंगे, ग्वादर बंदरगाह का विकास करेंगे, काराकोरम राजमार्ग के दूसरे चरण का पुनर्निर्माण करेंगे तथा ऊर्जा, कृषि, खनन, खनिज, सूचना तकनीक व उद्योग क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करेंगे.

जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, "जैसा कि हम सीपीईसी के दूसरे चरण में प्रवेश कर रहे हैं, हम विकास, आजीविका, नवाचार, हरित विकास और समावेशिता के गलियारे विकसित करने की आशा करते हैं."

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