ट्रंप-मोदी बातचीत के बाद ट्रेड डील पर बातचीत में सकरात्मक प्रगति की उम्मीद बढ़ी

भारत का मानना ​​है कि द्विपक्षीय व्यापार समझौता तभी लाभदायक होगा जब अमेरिका द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ का मुद्दा सुलझा लिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक प्रस्तावित भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते में काफ़ी समय लगेगा.

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नई दिल्ली:

भारत और अमेरिका के बीच रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर जारी गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच गुरुवार को हुई बातचीत को सामरिक तौर पर महत्वपूर्ण माना जा रहा है.दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों में हो रही लगातार प्रगति की समीक्षा और साथ मिलकर काम करना जारी रखने का फैसला किया.इस बीच भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) पर बातचीत आगे बढ़ाने का फैसला किया है.

दिल्ली में वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल और उप अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR) के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर विस्तार से 10 और 11 दिसंबर को हुई बातचीत "सार्थक" और "सकरात्मक" रही.वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक यह दौरा दोनों पक्षों के लिए भारत-अमेरिका व्यापार और आर्थिक संबंधों से संबंधित विभिन्न विषयों पर सार्थक विचार-विमर्श का अवसर साबित हुआ, जिसमें पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए चल रही वार्ता भी शामिल है. दोनों पक्ष वर्तमान सार्थक और सकारात्मक गतिविधियों को जारी रखने पर सहमत हुए.

अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय (USTR) से अमेरिकी व्यापार अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल, जिसका नेतृत्व उप अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राजदूत रिक स्विट्जर ने किया, 9 से 11 दिसंबर, 2025 तक भारत दौरे पर रहा.इस दौरे के दौरान, राजदूत स्विट्जर ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर भारत-अमेरिका व्यापार और आर्थिक संबंधों से संबंधित मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए चल रही बातचीत भी शामिल है.वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इस बातचीत को दोनों देशों के बीच सातवें दौर की बातचीत के तौर पर नहीं देखना चाहिए.

ये वार्ता ऐसे समय पर हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि वह भारत से चावल के आयात पर नए टैरिफ लगा सकते हैं.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद भारतीय एक्सपोर्टरों पर अतिरिक्त टैरिफ की तलवार फिर लटक गयी है.भारत-अमेरिका ट्रेड ट्रेड वार्ता पर वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने 28 नवम्बर को कहा था कि भारत अमेरिका के साथ दो मोर्चों पर व्यापार वार्ता कर रहा है.अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) पर बातचीत चल रही है. इसके साथ ही, रेसिप्रोकल टैरिफ़ मुद्दे को सुलझाने के लिए एक रूपरेखा व्यापार समझौते (Framework Trade Deal) पर अलग से बातचीत हो रही है. अमेरिका के साथ समानांतर बातचीत चल रही है. रेसिप्रोकल टैरिफ़ मुद्दे को सुलझाने के लिए हम एक रूपरेखा व्यापार समझौते ((Framework Trade Deal) के बहुत करीब हैं. सही रास्ता ढूँढने में बस कुछ ही समय लगेगा. हमें उम्मीद है कि इसी कैलेंडर वर्ष में कोई समाधान निकल आएगा".

भारत का मानना ​​है कि द्विपक्षीय व्यापार समझौता (Bilateral Trade Agreement) तभी लाभदायक होगा जब अमेरिका द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ का मुद्दा सुलझा लिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक प्रस्तावित भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) में काफ़ी समय लगेगा. भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) के कई चरण होंगे. पहले चरण में पारस्परिक शुल्कों (Reciprocal Tariffs) के मुद्दे पर मुख्य फोकस होगा.दोनों देशों के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत इस साल मार्च के आखिरी हफ्ते में शुरू हुई थी. 13 फरवरी, 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अक्टूबर-नवंबर, 2025 तक बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) के पहले tranche को तैयार करने को लेकर समझौता हुआ था.

भारत और अमेरिका प्रस्तावित बिलैटरल ट्रेड एग्रीमेंट के जरिए जो द्विपक्षीय व्यापार को मौजूद १९० बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 500 बिलीयन डॉलर तक बढ़ाना चाहते हैं.भारत और अमेरिका के वार्ताकारों के बीच अब तक 6 दौर की वार्ता हो चुकी है, अंतिम दौर की बातचीत 15-17 अक्टूबर, 2025 को वाशिंगटन में हुई.

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