उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैलियों में चर्चा का विषय बना बुलडोजर अब होली को लेकर गुलजार हुई पिचकारी बाजार में भी धूम मचा रहा है. इसके अलावा कुछ स्थानों पर निर्माण तथा अन्य कार्यों के लिए इस्तेमाल होने वाले बुलडोजर का भाव भी बढ़ गया है. बुलडोजर को आम बोलचाल की भाषा में 'जेसीबी' भी कहा जाता है. वाराणसी से प्राप्त सूचनाओं के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद बुलडोजर की लोकप्रियता बढ़ गयी है. वाराणसी में होली में सजी दुकानों पर बुलडोजर पिचकारी की धूम है.
पिचकारी दुकानदारों के अनुसार, बच्चे अपने अभिभावकों से सबसे ज्यादा बुलडोजर पिचकारी खरीदने की जिद कर रहें हैं. पिछले सालों की तरह मोदी और योगी के मुखौटों की मांग तो है ही साथ में इस बार मोदी दाढ़ी भी काफी मांग में है.
वाराणसी के हराड़ सराय स्थित पिचकारी और खिलौनों के थोक विक्रेता मोहमद आसिफ ने बताया कि बाजार में बुलडोजर पिचकारी की मांग सबसे ज्यादा है और स्थिति यह है कि फुटकर पिचकारी विक्रेताओं के बुलडोजर पिचकारी की मांग पूरी नहीं कर पा रहे हैं.
आसिफ ने बताया कि पहले बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान और शाहरुख खान की फ़ोटो लगी पिचकारियों की मांग ज्यादा रहती थी लेकिन अब मोदी-योगी के मुखौटों और उनकी फोटो लगी पिचकारियों की मांग ज्यादा है. उन्होंने बताया, ‘‘सबसे ज्यादा ट्रेंड बुलडोजर पिचकारी और मोदी दाढ़ी का बढा है. अब तो हम फुटकर दुकानदारों की मांगें भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं. दो चार पीस बचे हैं, जिन्हें हमने अपने बच्चों के लिए बचाकर रखा है.''
नई सड़क स्थित पिचकारी के दुकानदारों ने बताया कि बच्चे दुकान पर आते ही बुलडोजर पिचकारी की मांग कर रहे. दुकान की सारी बुलडोजर पिचकारी बिक गयी है. अब बच्चे मोदी और योगी की फ़ोटो लगी पिचकारी और मोदी दाढ़ी खरीद कर सन्तोष कर रहे हैं.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के हाल में संपन्न चुनाव के प्रचार के दौरान खास तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माफिया तत्वों के खिलाफ अपनी सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को बयान करने के लिए बुलडोजर शब्द का काफी इस्तेमाल करते थे इसके बाद से ही समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें 'बुलडोजर बाबा' का नाम दिया था.
इस बीच, राजधानी लखनऊ में बुलडोजर किराए पर देने का काम करने वाले राजवीर सिंह सोनू ने बताया कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद अनेक क्षेत्रों से पार्टी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाने के लिए बुलडोजर मांगे थे लेकिन मतगणना के दौरान सभी कर्मचारियों के छुट्टी पर चले जाने की वजह से यह मांग पूरी नहीं की जा सकी. उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन बुलडोजर या जेसीबी मशीन को किराए पर लेता है तो उसे ₹4000 और डीजल का खर्च अतिरिक्त देना पड़ता है.
ठेकेदार विनोद निषाद और मयंक श्रीवास्तव ने बताया कि विधानसभा चुनाव से चर्चा में आने के बाद से लोगों ने सामाजिक कार्यक्रमों में भी बुलडोजर मंगवाना शुरू कर दिया है, जिसकी वजह से बुलडोजर का जो किराया 5000 रुपए प्रति घंटा हुआ करता था वह बढ़कर आठ से 10 हजार रुपए हो गया है.
इस बीच बुलडोजर ने खिलौना बाजार में भी मजबूत मांग पैदा कर दी है. पुराने लखनऊ में खिलौने का कारोबार करने वाले हरीश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि रिमोट और बैटरी से चलने वाले बुलडोजर खिलौनों की बिक्री बढ़ गई है. हाल ही में वाराणसी और प्रयागराज के कुछ नौजवानों की तस्वीरें भी सामने आई थीं जिनमें वह अपनी बांहों पर बुलडोजर का टैटू बनवा रहे हैं. इसी, 10 मार्च को घोषित प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणामों में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद लखनऊ गोरखपुर और वाराणसी समेत कई जिलों में पार्टी कार्यकर्ताओं ने बुलडोजर के साथ जश्न मनाया था.
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