श्रद्धा वालकर जैसा मामला : मकान मालिक ने युवक की हत्‍या के बाद शव के तीन टुकड़े कर ठिकाने लगाया - पुलिस

पुलिस के मुताबिक, अंकित से उमेश 40 लाख रुपए नगद, चेक और ऑनलाइन ले चुका था. इसका राज ने खुले, इसलिए उसने बाद में अंकित की हत्‍या कर दी.

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प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्‍ली:

यूपी के गाजियाबाद में एक युवक की पैसों के लिए हत्या के बाद उसके शव के तीन टुकड़े करके ठिकाने लगाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. युवक की हत्या अक्टूबर माह में की गई थी. इस मामले में आरोप युवक के मकान मालिक पर है जिसकी पत्नी को मृतक युवक बहन कहता था. गाजियाबाद के मोदीनगर थाना क्षेत्र की राधे श्याम कॉलोनी में अंकित खोकर रहता था. अंकित मूल रूप से बागपत का निवासी था और माता-पिता की इकलौती संतान था. अंकित लखनऊ से पीएचडी कर रहा था और यहां अकेला रहता था. अंकित के माता-पिता की भी मौत हो चुकी है. अंकित ने अपनी पैतृक जमीन बेची थी, जिससे उसे एक करोड़ रुपए के करीब मिले थे. अंकित जिस मकान में किराये से रहता था, वह उमेश शर्मा का है. उमेश की पत्नी को वह अपनी बहन मानता था. आरोप है कि उमेश ने कई किस्तों में अंकित से काफी पैसा ले लिया था. 

पुलिस के मुताबिक, अंकित से उमेश 40 लाख रुपए नगद, चेक और ऑनलाइन ले चुका था. इसका राज ने खुले, इसलिए उसने बाद में अंकित की हत्‍या कर दी. यही नहीं, उसने अंकित के शव के  कई टुकड़े करके फेंक दिए. पुलिस के अनुसार, हत्या 6 अक्‍टूबर को गला दबाकर की थी. इसके बाद उसने शव के 3 हिस्से किए. उसके बाद उमेश बाजार से आरी और पन्नी लेकर आया. उसने अंकित के शरीर के तीन हिस्से करके उन्हें पन्नी में पैक कर दिया. इसमें से एक हिस्सा उसने मुजफ्फरनगर के खतौली में नहर में फेंक दिया जबकि दूसरे को मसूरी नहर में और एक हिस्से को पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर फेंका. इसके बाद उमेश ने अंकित के खातों में से 20 लाख रुपए निकाल लिए. बाद में उसने (उमेश ने) अपने दोस्‍त प्रवेश को अंकित का डेविट कार्ड दिया और बाकी पैसे उत्तराखंड से निकालने के लिए कहा.साथ ही हिदायत दी कि जब वह पैसे निकालने जाए तो मोबाइल लेकर न जाए. पुलिस ने उमेश और प्रवेश को हिरासत में ले लिया है और इनसे पूछताछ की जा रही है. 

यूं हुआ मामले का खुलासा
अंकित के दोस्तों को जब उससे दो माह से संपर्क नहीं हुआ तो उन्होंने तलाश शुरू की. पुलिस को दी गई तहरीर में उन्होंने आरोप लगाया है कि अंकित जिस तरीके से व्हाट्सएप मैसेज करता है, उससे लगता है कि यह मैसेज वह नहीं बल्कि कोई और कर रहा है यानी कि हत्यारा यह चाहता था कि अंकित की हत्या का राज न खुले. जानकारी के मुताबिक, अंकित के दोस्तों ने पहले भी पुलिस को अप्रोच किया था लेकिन पुलिस ने उनकी बात नहीं सुनी थी. अगर पुलिस उनकी बात सुन लेती तो हो सकता है कि यह हत्या का मामला इतने दिनों तक राज नहीं रहता. पिछले कुछ समय से इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं और उनमें आरोपी एक जैसा ही पैटर्न अपना रहे हैं. श्रद्धा वालकर की हत्या करके भी आरोपी ने उसके फोन से सोशल मीडिया जारी रखी थी जिससे कोई उसको ढूंढ ना सके.  ऐसी ही नाकाम कोशिश यहां उमेश शर्मा ने भी की थी.

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