उत्तर प्रदेश में कोरोना को लेकर स्थिति लगातार बिगड़ रही है. राजधानी लखनऊ के श्मशान घाटों में कोरोना से बड़ी संख्या में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार और सरकारी प्रेस नोट व श्मशान घाट में मृतकों की संख्या के विरोधाभासी आंकड़ों संबंधी रिपोर्ट आने के बाद अब अधिकारी लीपापोती में जुट गए हैं. अब श्मशान घाट के 'व्यू' को नीले रंग की मेटलशीट से ब्लॉक कर दिया गया है. मजदूर गुरुवार को मेटल शीट लगाते हुए नजर आए, ऐसी शीटें आमतौर पर कंस्ट्रक्शन साइट पर ही देखी जाती हैं. लखनऊ में कोविड-19 के कारण हुई मौतों के आधिकारिक आंकड़े और श्मशान घाटों के आंकड़े में बड़े अंतर की रिपोर्ट आने के अगले दिन यानी गुरुवार को यह वर्कर यह काम करते हुए नजर आए. गौरतलब है कि श्मशान घाटों पर बड़ी संख्या में शव के जलने का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था, इसने कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता बढ़ा दी है.
लखनऊ में कम करके बताए जा रहे कोरोना से मौतों के आंकड़े? श्मशान घाट और सरकार की संख्या में है फर्क
मेटल की ब्लू शीट लगाए जाने के साथ ही श्मशान घाटों के बाहर एक नया नोटिस भी लगाया गया है जिसमें कहा गया है, 'कोविड-19 प्रभावित क्षेत्र होने के कारण अनाधिकृत लोगों को यहां प्रवेश की इजाजत नहीं होगी. इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाइ की चेतावनी दी गई है. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई लोगों ने इस कदम को सच्चाई छुपाने की कोशिश करार दिया है. प्रियंका ने ट्वीट किया, ' उत्तर प्रदेश की की सरकार से एक निवेदन है: अपना समय, संसाधन और ऊर्जा इस त्रासदी को छुपाने, दबाने में लगाना व्यर्थ है. महामारी को रोकने, लोगों की जान बचाने, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाइए, यही वक्त की पुकार है.'
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लखनऊ, देश के उन शहरों में है जहां कोरोना के केसों में चिंताजनक इजाफा हुआ है. लखनऊ में इस समय कोरोना के 31 हजार से अधिक एक्टिव केस है, यह संख्या दो सप्ताह पहले के आंकड़े से करीब 10 गुना अधिक है. यूपी की बात करें तो बुधवार शाम को प्रदेश में 20,510 केस दर्ज थे. यह राज्य में एक दिन में आए केसों की सर्वाधिक संख्या है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस समय कोरोना से संक्रमित हैं.