महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि उनके विद्रोह के बाद 2022 में राज्य में ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के संकट में फंसने पर उद्धव ठाकरे उनके पास पहुंचे और मुख्यमंत्री पद की पेशकश की थी. उन्होंने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उस दावे को भी सही बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकरे ने भाजपा नेता से भी संपर्क किया था और शीर्ष पद की पेशकश की थी.
शिंदे और शिवसेना के अधिकतर विधायकों द्वारा पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के बाद जून 2022 में ठाकरे सरकार गिर गई.
शिंदे ने यहां संवाददाताओं को बताया, “दावे में सच्चाई है क्योंकि जब हमने जाने का फैसला किया तो उन्होंने ये प्रयास किए. उन्होंने (ठाकरे और उनके सहयोगियों ने) मुझे भी बुलाया और मुख्यमंत्री पद की पेशकश की, लेकिन मैंने तब मुख्यमंत्री बनने का फैसला नहीं किया था. हमने साथ छोड़ दिया क्योंकि वे शिवसेना सुप्रीमो दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा से भटक गए थे.”
वह फडणवीस के इस दावे के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि शिंदे के विद्रोह के बाद उद्धव ठाकरे ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की पेशकश की थी और एमवीए सरकार गिरने वाली थी. ठाकरे ने इससे पहले 2019 में भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ लिया था और राकांपा और कांग्रेस के साथ सरकार बनाई थी.
शिंदे ने कहा, “उन्होंने दिल्ली में भी प्रयास करते हुए कहा कि पूरी शिवसेना उनके (भाजपा) साथ रहेगी और भाजपा नेताओं से कहा कि वे केवल कुछ लोगों (यानी शिंदे और उनके समर्थकों) को अपने साथ न लें. लेकिन तब तक 50 लोग (विधायक) मेरे साथ आ चुके थे. देवेंद्र जी ने जो कहा है उसमें सच्चाई है.”
इस मामले में टिप्पणी मांगे जाने पर, शिवसेना (यूबीटी) नेता सचिन अहीर ने ये दावे करने के लिए शिंदे और फडणवीस द्वारा चुने गए समय पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, “वे केवल भ्रम पैदा करने के लिए दो साल बाद इस तरह के बयान दे रहे हैं.”