महाराष्ट्र: शिवसेना-NCP में टूट के बाद क्या अब कांग्रेस का होगा ऐसा हाल? जानें- क्यों किया जा रहा ऐसा दावा

बीजेपी के सूत्रों ने दावा किया कि एनसीपी संकट के बाद कांग्रेस के दो प्रमुख नेता पार्टी के संपर्क में हैं और कथित डील को लेकर बातचीत कर रहे हैं. चर्चा कुछ समय से चल रही है और अब यह अंतिम चरण में है.

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शरद पवार ने प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी से निकाल दिया है और अजित पवार ने नई टीम बना ली है.

नई दिल्ली:

अपने चाचा शरद पवार (Sharad Pawar) से बगावत कर अजित पवार (Ajit Pawar) के खेमा बदलते ही महाराष्ट्र की सियासत में उथल-पुथल मचा है. शिवसेना की तर्ज पर शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) भी दो गुटों में बंट चुकी है. महाराष्ट्र की विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) में अब बस कांग्रेस ही रह गई है, जिसमें अब तक बगावत के सुर नहीं सुनाई दिए हैं. हालांकि, बीजेपी के सूत्रों का दावा है कि शिवसेना और एनसीपी के बाद अब कांग्रेस भी इसी दिशा में आगे बढ़ सकती है.

बीजेपी के सूत्रों ने दावा किया कि एनसीपी संकट के बाद कांग्रेस के दो प्रमुख नेता पार्टी के संपर्क में हैं और कथित डील को लेकर बातचीत कर रहे हैं. चर्चा कुछ समय से चल रही है और अब यह अंतिम चरण में है. इससे पहले मंगलवार को महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने दावा किया कि कांग्रेस और अन्य दलों के नेता ट्रांजिट में दिलचस्पी रखते हैं.

क्या कांग्रेस नेता बीजेपी के संपर्क में?
क्या कांग्रेस नेता बीजेपी के संपर्क में हैं? इस सवाल के जवाब में सुधीर मुनगंटीवार ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, "सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि ऐसे कई लोग हैं, जो अपनी पार्टियों से नाखुश हैं. क्योंकि उनके नेता स्वार्थी हैं. वे देश की प्रगति के रास्ते में रुकावट डालते हैं. वे प्रधानमंत्री मोदी को नहीं चाहते. उनका रवैया ठीक चीन और पाकिस्तान जैसा है." 

नेता प्रतिपक्ष पद की कोशिश में कांग्रेस
इस बीच कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी में टूट के बाद महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष पद की दावेदारी के लिए मंथन कर रही है. हालांकि, कांग्रेस के साथ शिवसेना-एनसीपी जैसी घटना होने की आशंकाओं और अटकलों से इनकार किया है.

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने हाल ही में एक इंटरव्यू में दावा किया था कि बीजेपी ने इससे पहले भी कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश की थी. उन्होंने एनडीटीवी से कहा, "NCP के 53 विधायक थे, अगर 37 से ज़्यादा विधायक अजित पवार के साथ जाते हैं तो दल-बदल कानून से बच सकते हैं. अगर 35 से कम रहे तो निलंबन तय है. जो शिवसेना के समय हुआ था, वही होगा."

कांग्रेस को अपने विधायकों की चिंता
हालांकि, अजित पवार के विद्रोह करने और शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल होने के बाद से कांग्रेस अपने विधायकों की निगरानी कर रही है. राज्य कांग्रेस ने एनसीपी के विभाजन के बाद की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की. इस दौरान वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने कहा, "हमने आज एक बैठक की. हम मजबूत और एकजुट हैं. हम एमवीए में हैं."

पिछले साल एकनाथ शिंदे के शिवसेना से अलग होने और 39 विधायकों के साथ बाहर चले जाने के बाद एमवीए की संख्या घटने लगी थी. अजित पवार का दावा है कि उन्हें एनसीपी के 53 में से 43 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. हालांकि, रविवार को उनके साथ सिर्फ 8 विधायकों ने मंत्री के तौर पर शपथ ली. 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस के पास 45 सीटें हैं. शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के पास 17 विधायक हैं.
  

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