प्यूबर्टी के बाद नाबालिग होने पर भी मुस्लिम कानूनों के तहत शादी कर सकती है लड़की : हाईकोर्ट

लड़की के माता-पिता ने 5 मार्च को द्वारका जिले में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 6 (बढ़े हुए प्रवेशक यौन हमला) के तहत मामला दर्ज किया था.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
माता-पिता के अनुसार, उनकी बेटी 15 साल जबकि आदमी 25 साल का था जब उनकी शादी हुई थी.
नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक फैसला सुनाते हुए कहा कि लड़की प्यूबर्टी के बाद, मुस्लिम कानूनों के तहत अपने माता-पिता की सहमति के बिना शादी कर सकती है. ये फैसला कोर्ट ने एक दंपति की सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर सुनाया है. दरअसल लड़की ने अपने माता-पिता की सहमति के खिलाफ जाकर शादी की थी. फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा, "प्यूबर्टी के बाद एक लड़की मुस्लिम कानूनों के तहत अपने माता-पिता की सहमति के बिना शादी कर सकती है और उसे अपने पति के साथ रहने का अधिकार है, भले ही वह नाबालिग हो. पॉक्सो के प्रावधान पति पर लागू नहीं होंगे. "

पीठ ने आगे कहा कि अगर लड़की की शादी उसकी मर्जी से की जाती है और वह खुश है तो राज्य का उसके निजी जीवन से कोई लेना-देना नहीं है. पीठ ने 11 मार्च को शादी करने वाले एक जोड़े की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. लड़की के माता-पिता के अनुसार, उनकी बेटी 15 साल की थी, जबकि आदमी 25 साल का था जब उनकी शादी हुई थी.

लड़की के माता-पिता ने 5 मार्च को द्वारका जिले में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 6 (बढ़े हुए प्रवेशक यौन हमला) के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि लड़की नाबालिग था और उसका अपहरण कर लिया. वहीं दंपति ने पुलिस सुरक्षा और यह निर्देश देने के लिए अप्रैल में उच्च न्यायालय का रुख किया था कि कोई उन्हें एक-दूसरे से अलग न करे. सुनवाई के दौरान, उनके वकील ने आधार कार्ड पेश किया, जिससे पता चला कि उसकी उम्र 19 साल से अधिक है. हालांकि, लड़की के वकील ने अदालत को बताया कि वह गर्भवती है और अपनी मर्जी और सहमति से उस व्यक्ति के साथ भाग गई थी.

Advertisement

लड़की ने अदालत को बताया कि उसके माता-पिता उसे नियमित रूप से पीटा करते थे और उन्होंने जबरन उसकी शादी किसी और से करने की कोशिश की थी. पुलिस ने 27 अप्रैल को लड़की को व्यक्ति के कब्जे से बरामद किया था. उसे बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष पेश किया गया था. जिसके बाद सीडब्ल्यूसी ने उसे निर्मल छाया परिसर में रखने का निर्देश दिया था.

Advertisement

न्यायमूर्ति सिंह ने 17 अगस्त, 2022 को एक आदेश में कहा Mohammedan Law के अनुसार, लड़की प्यूबर्टी के बाद अपने माता-पिता की सहमति के बिना शादी कर सकती थी और 18 वर्ष से कम उम्र के होने पर भी अपने पति के साथ रहने का अधिकार रखती थी. कोर्ट ने कहा, 'इस मामले में याचिकाकर्ता प्यार में थे, मुस्लिम कानूनों के मुताबिक शादी की और उसके बाद शारीरिक संबंध बनाए. अदालत ने पुलिस को दंपति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है.

Advertisement

VIDEO: तेलंगाना के बीजेपी विधायक टी राजा सिंह की रिहाई पर समर्थकों ने मनाया जश्न

Advertisement
Featured Video Of The Day
Parbhani में Dr. Ambedkar की प्रतिमा से उठा बवाल कैसे हिरासत में दलित युवक की मौत से और भड़का?
Topics mentioned in this article