राज्यों और उद्योग की आपत्ति के बाद कपड़ों पर जीएसटी (GST) में बढ़ोतरी को टाल दिया गया है. बता दें कि वित्त मंत्रालय ने तय किया था कि 1 जनवरी से कपड़े पर GST(गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स) को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया जाएगा, लेकिन इससे व्यापारी नाराज थे. उनका कहना है कि इससे व्यापार में कमी आएगी, विदेशी कपड़े ज़्यादा बिकेंगे और टैक्स की चोरी भी बढ़ेगी. इसको लेकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. हिमाचल सरकार के उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ने कहा है कि रेडीमेड गारमेंट पर GST की बढ़ोतरी फिलहाल अगली बैठक तक नहीं होगी.
वहीं राजस्थान के कैबिनेट मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा है कि गारमेंट पर जीएसटी की बढ़ी दरें कल से लागू नहीं होंगी. जूते-चप्पल पर GST वापस लेने का मामला एजेंडा में नहीं था. हम लोगों ने उसको उठाया था. जूते- चप्पल पर कल से जीएसटी की बढ़ी दरें लागू हो जाएंगी. बता दें कि फुटवेयर दुकानदारों का कहना था कि सरकार ने जो हजार रुपए का जूता-चप्पल बनाते थे उन पर भी GST बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया. इससे हमारा कारोबार की लागत बढ़ेगी.
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बता दें कि इस मामले पर पश्चिम बंगाल के पूर्व वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री के सलाहकार अमित मित्रा ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मानव निर्मित फाइबर कपड़े पर कर में वृद्धि के फैसले को वापस लेने के मद्देनजर तत्काल जीएसटी परिषद की बैठक बुलाने का आग्रह किया था.