केरल (Kerala) के सत्ता के गलियारों में विधानसभा सत्र की पूर्व संध्या पर भारी उठापटक देखी गई जब राज्यपाल (Governor) आरिफ मोहम्मद खान ने वरिष्ठ पत्रकार से नेता बने एक व्यक्ति की राजभवन में अहम पद पर नियुक्ति के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा लिखे गए पत्र पर गुरुवार को नाराजगी जताते हुए सरकार के नीति दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिये. सरकार के राज्यपाल के दबाव में आने के बाद इस मुद्दे को सुलझा लिया गया और प्रधान सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के. आर. ज्योतिलाल की जगह एक वरिष्ठ नौकरशाह की नियुक्ति के बाद मामला शांत हुआ.
ज्योतिलाल ने कुछ दिन पहले सरकार की ओर से राजभवन को पत्र लिखा था, जिसमें पूर्व बीजेपी (BJP) नेता हरि एस कार्थ की राज्यपाल के अतिरिक्त निजी सहायक के रूप में नियुक्ति के दौरान प्रचलित परंपराओं के उल्लंघन की बात कही गई थी. राज्य के स्थानीय स्वशासन मंत्री एम वी गोविंदन ने विधानसभा के बजट सत्र की पूर्व संध्या पर कई घंटे की गहमागहमी के बाद संवाददाताओं से कहा, ''हां, राज्यपाल ने इस पर हस्ताक्षर कर दिये हैं.'' सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल ने सरकार की ओर से यह सूचना मिलने के बाद दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ज्योतिलाल की जगह शीर्ष नौकरशाह शारदा मुरलीधरन को प्रमुख सचिव , जीएडी नियुक्त कर दिया गया है. केरल विधानसभा का एक महीने का बजट सत्र शुक्रवार को यहां राज्यपाल के पारंपरिक नीति संबोधन के साथ शुरू होगा.
इससे पहले दिन में, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें मनाने की कोशिश की. बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान, राज्यपाल ने कार्थ को अपने अतिरिक्त निजी सहायक के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश को लेकर सरकार के रुख पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की . कार्थ बीजेपी की राज्य समिति के पूर्व सदस्य हैं. बीजेपी नेतृत्व का कहना है कि कार्थ सक्रिय राजनीति छोड़ चुके हैं.