यूपी के बरेली के बाद कानपुर में भी हिंसा भड़काने की साजिश थी. यहां एक भड़काऊ ऑडियो वायरल किया गया था. उसके बाद भीड़ इकट्ठा होने लगी थी. लेकिन पुलिस ने सतर्कता और समझदारी से तुरंत कदम उठाया और लोगों को समझा-बुझाकर घर भेजा. पुलिस और खुफिया विभाग की सतर्कता से बड़ी घटना होने से टल गई. इस मामले में पुलिस ने जुबैर अहमद खान और 25 अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
आई लव मोहम्मद का विवाद यूपी के कानपुर से शुरू हुआ था. ऐसे में तनाव बढ़ने के बाद कानपुर को काफी संवेदनशील माना जा रहा था. जुमे के दिन यानी शुक्रवार को बरेली में भीड़ हिंसक हुई, लेकिन पुलिस ने लाठीचार्ज करके हालात काबू कर लिए. इसके बाद पता चला कि कानपुर में भी बरेली जैसी हिंसा करने की साज़िश रची जा रही थी. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है.
घटना कानपुर के रेलबाजार थाना क्षेत्र के सुजातगंज की है. सुजातगंज चौकी के इंचार्ज राजमोहन की तरफ से दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक, 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद अजमेरी मस्जिद के पास मदार होटल तिराहे पर एक व्यक्ति भड़काऊ ऑडियो वायरल कर रहा था. उसका नाम जुबैर अहमद खान उर्फ जुबैर गाजी नामक है. ऑडियो में मुस्लिमों को शासन-प्रशासन के खिलाफ भड़काकर दंगा करने और शांति व्यवस्था भंग करने के लिए उकसाया जा रहा था.
ऑडियो वायरल होने के बाद करीब 20-25 युवक मौके पर इकट्ठा हो गए. स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए चौकी इंचार्ज और अन्य पुलिसकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और युवकों को समझा-बुझाकर शांत कराया, जिसके बाद वे अपने-अपने घर चले गए. पुलिस का कहना है कि अगर समय पर कार्रवाई नहीं की जाती तो मामला बिगड़ सकता था.
पुलिस ने जुबैर अहमद खान और 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. "आई लव मोहम्मद" को लेकर मचे बवाल के बाद से ही कमिश्नरी पुलिस अलर्ट मोड पर है. शहर के संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कड़ी चौकसी की जा रही है. पुलिस के आला अधिकारी हर छोटी-बड़ी घटना पर नजर बनाए हुए हैं.