अफगानिस्तान पर तालिबान की हुकूमत काबिज होने के बाद भारत में पढ़ने वाले अफगानिस्तान के सैकड़ों छात्रों की मुश्किलें बढ़ रही हैं. उनको वीजा से लेकर अपनी जान तक की चिंता सता रही है. IIT दिल्ली से लेकर JNU तक अफगानिस्तान के छात्रों को हर संभव मदद देने की कोशिश कर रहे हैं. इसके बावजूद भी अफगानिस्तान के छात्र घबराए हुए हैं.
JNU में अन्तराष्ट्रीय संबंधों के विषय में पढ़ाई खत्म कर जल्द अफगानिस्तान लौटने की सोच रहे शफी सुल्तान को अब जानका डर सता रहा है. शफी के सामने दोहरी चुनौती है, पहली पीजी की फेलोशिप खत्म होने के बाद उनको आर्थिक तंगी का सामना करने पड़ेगा, और दूसरा तालीबान उनको लगातार परेशान कर सकता है. मोहम्मद शफी सुल्तान ने NDTV से बातचीत में कहा कि अफगानिस्तान लौटने पर उनको भारतीय जासूस कहकर तालीबान परेशान करेगा. हम चाहते हैं हमारी फेलोशिप की मियाद बढ़ाई जाए.
वहीं, देश का सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान IIT दिल्ली भी अपने अफगानिस्तान छात्रों के लिए चिंतित है. यहां 16 अफगानिस्तान के छात्र हैं, लेकिन 15 छात्र अफगानिस्तान में ही हैं. अब IIT में दाखिला लेने वाले और अफगानिस्तान में फंसे स्टूडेंट्स को मदद देने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है.
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IIT Delhi में अन्तराष्ट्रीय कार्यक्रम के डीन प्रो. नवीन गर्ग ने कहा कि नए बच्चों के लिए बंद हो चुके इंटरनेशनल प्रॉसेस को हम दोबारा खोलेंगे. जो नए बच्चे अफगानिस्तान से दाखिला लेना चाहेंगे, उनके लिए प्रक्रिया दोबारा शुरु करेंगे. उधर, JNU प्रशासन अफगानिस्तान के छात्रों के खत्म हो रहे वीजा के नवीनीकरण के लिए एक सार्टीफीकेट उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा है.
बता दें कि भारत में दो हजार से ज्यादा अफगानी छात्र अलग-अलग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं. अब तक भारत से पढ़ने वालों को अफगानिस्तान में अच्छी नौकरी मिल जाती थी. लेकिन अब तेजी से बदलते हालात से अफगानिस्तान के छात्र बेहद परेशान हैं.