Afghan Crisis: तालिबान ने कहा... अफगानिस्तान से किसी देश को कोई खतरा नहीं होगा

तालिबान ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान से किसी भी देश को कोई खतरा नहीं होगा. साथ ही यह भी कहा कि महिलाओं को इस्लाम के आधार पर उनके सभी अधिकार मिलेंगे.

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नई दिल्ली:

तालिबान ने मंगलवार को घोषणा की है कि अफगानिस्तान से किसी भी देश को कोई खतरा नहीं होगा क्योंकि समूह ने अधिकांश पश्चिमी सैनिकों के चले जाने के साथ अपनी लोकतांत्रिक सरकार के तेजी से पतन के बाद संघर्षग्रस्त देश की कमान संभाल ली है. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने काबुल में अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, "इस्लामिक अमीरात सभी विश्व देशों से वादा कर रहा है कि अफगानिस्तान से किसी भी देश को कोई खतरा नहीं होगा."

जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा, "हम एक ऐसी सरकार स्थापित करना चाहते हैं जिसमें सभी पक्ष शामिल हों, वे युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं." उन्होंने कहा, "हम कोई आंतरिक या बाहरी दुश्मन नहीं चाहते हैं. हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है और अपने नेता के आदेश के आधार पर हमने सभी को माफ कर दिया है."

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जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पूर्व सैन्य सदस्यों और विदेशी बलों के साथ काम करने वालों सहित किसी के खिलाफ कोई प्रतिशोध नहीं लिया जाएगा. उन्होंने कहा, "कोई भी उनके घर की तलाशी नहीं लेगा."

उन्होंने कहा, "अफगान को लोगों के मूल्यों से मेल खाने वाले नियमों को लागू करने का अधिकार है, इसलिए अन्य देशों को इन नियमों का सम्मान करना चाहिए."

यह दावा करते हुए कि महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा, तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि वे इस्लाम के आधार पर महिलाओं को उनके अधिकार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि महिलाएं स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में काम कर सकती हैं, जहां उनकी जरूरत है.

उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान चाहता है कि सभी मीडिया संस्थान अपनी गतिविधियां जारी रखें. "हमारे पास तीन सुझाव हैं: कोई भी प्रसारण इस्लामी मूल्यों के विपरीत नहीं होना चाहिए, उन्हें निष्पक्ष होना चाहिए, किसी को भी ऐसा कुछ भी प्रसारित नहीं करना चाहिए जो हमारे राष्ट्रीय हितों के खिलाफ हो."

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इस बीच अफगानिस्तान के प्रथम उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा कि वह देश में हैं और उन्होंने खुद को "वैध कार्यवाहक राष्ट्रपति" घोषित किया और वह काबुल के नए शासकों के सामने नहीं झुकेंगे.

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