अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) ग्रामीण इलाकों में कब्जा करने के बाद शहरी इलाकों की ओर तेजी से बढ़ रहा है. तालिबान काबुल और कंधार में भी हमले कर नियंत्रण करने की फिराक में है. इस बीच अफगान सेना प्रमुख ( Afghan Army chief) जनरल वली मोहम्मद अहमदजई ने इस हफ्ते अपने भारत के प्रस्तावित दौरे को स्थगित कर दिया है. सूत्रों का कहना है कि अहमदजई को 27 जुलाई को भारत आना था और इस दौरान कई राजनीतिक औऱ सैन्य हस्तियों से उनकी मुलाकात होनी थी. तालिबान का दावा है कि देश के 85 फीसदी हिस्से में उसका नियंत्रण स्थापित हो चुका है.
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सेनाध्यक्ष का यह दौरा ऐसे वक्त रद्द हुआ है, जब तालिबान अफगान आर्मी के खिलाफ हमले तेज कर रहा है. तालिबान अफगान सैनिकों के अलावा आम नागरिकों को भी निशाना बना रहा है. अफगानिस्तान से अमेरिका समेत अन्य देशों की फौजों की वापसी के बीच तालिबान देश पर दोबारा नियंत्रण चाहता है. अफगानिस्तान के कई जिलों पर तालिबान के नियंत्रण के बीच अमेरिकी खुफिया आकलन में कहा गया है कि विदेशी सेनाओं की वापसी के कुछ महीनों के अंदर ही देश में आम लोगों द्वारा चुनी गई सरकार गिर सकती है
. उधर, अफगान अधिकारी पाकिस्तान पर तालिबान आतंकियों को समर्थन और संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, देश में इस साल के छह महीनों में रिकॉर्ड 1659 लोग हिंसा में मारे गए हैं, जबकि 3254 घायल हुए हैं. हालिया हफ्तों में तालिबान ने अफगान सुरक्षा बलों और आम नागरिकों के खिलाफ कई खतरनाक हमलों को अंजाम दिया है.
मई के अंत से ही आतंकी मूह ने ईरान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और पाकिस्तान से लगी कई सीमावर्ती जिलों में अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है. तालिबान का दावा है कि उसका देश के 400 में से 200 के करीब जिलों में कब्जा हो चुका है, हालांकि इन दावों की कोई पुष्टि नहीं कर रहा है.