Aero India 2025: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके त्रिपाठी ने आज एयरो इंडिया 2025 में अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस (Adani Defence and Aerospace) के स्टॉल का दौरा किया. उन्हें अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के सीईओ आशीष राजवंशी ने स्टॉल में लगे हथियारों की जानकारी दी. उन्होंने खासकर भविष्य की टेक्नोलॉजी और आधुनिक हथियार दिखाए. अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के स्टॉल पर मुख्य आकर्षण 'व्हीकल-माउंटेड काउंटर-ड्रोन सिस्टम' है. इसे कंपनी ने डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर विकसित किया है.
स्टॉल पर डिफेंस की चार लेयर में भविष्य के हथियार दिखाए गए हैं, जिसमें सुरक्षा, खतरे का पता लगाना, निष्क्रिय करना और राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा में एआई का उपयोग शामिल है.
अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के सीईओ आशीष रघुवंशी ने कहा, "हम जिन भी क्षमताओं को हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं, उन्हें यहां प्रदर्शित किया गया है. इसमें ड्रोन से लेकर छोटे हथियार, गोला-बारूद, मिसाइलें, सतह-निर्देशित मिसाइलें और सबसे महत्वपूर्ण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लैस उन्नत मशीनरी शामिल हैं."
लैंड सिस्टम्स के प्रमुख अशोक वाधवान ने कहा, "हमारा लक्ष्य रक्षा बलों का रणनीतिक भागीदार बनना है. हमारा ध्यान भविष्य की टेक्नोलॉजी विकसित करने पर है, जो उनकी अपेक्षाओं से परे हों. यदि वे किसी क्षमता की कल्पना कर सकते हैं, तो हम इसे वास्तविकता में बदलना चाहते हैं और भारत में उन उन्नत प्रणालियों का निर्माण करना चाहते हैं."
डिस्प्ले के बारे में विवरण प्रदान करते हुए, वाधवान ने विस्तार से बताया, "हमने अपनी तकनीक को चार परतों में स्ट्रक्चर किया है. पहली परत सुरक्षा पर केंद्रित है, जिसमें प्रारंभिक निगरानी और खतरे का पता लगाने के लिए डिजाइन किए गए मानव रहित वाहन और मानव रहित पानी के नीचे की प्रणालियां शामिल हैं. दूसरी परत पहचान है, जिसमें हवाई निगरानी प्लेटफार्मों में परिवर्तित विमान शामिल हैं, जो आकाश में हमारी आंखें हैं. हम जमीन, हवा और पानी के नीचे के क्षेत्रों में डिटेक्शन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. तीसरी परत न्यूट्रीलाइजेशन है, जिसमें घूमती हुई वस्तुएं, मिसाइलें और अन्य गोला-बारूद शामिल हैं. अंतिम परत में उन्नत हथियार शामिल हैं."
वाधवान के मुताबिक, इसके अलावा हम बलों की सुरक्षा के लिए डिजाइन किए गए एआई संचालित समाधानों का प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारा प्राथमिक ध्यान भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना पर है, हालांकि, निर्यात भी हमारी रणनीति का हिस्सा है. हालांकि, हमारी प्राथमिकता हमारी देश की सेनाएं हैं. उन्होंने आगे कहा कि हम सरकारी डिफेंस कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की बजाय उनके साथ साझेदारी कर रहे हैं.