कोविड पर सरकार के शीर्ष चिकित्सा विशेषज्ञ ने दावा किया है कि रिपोर्ट किए गए संक्रमण संख्या “कहीं भी सच्चाई के करीब नहीं हैं” क्योंकि वास्तविक संख्या दर्ज किए जा रहे ओमिक्रॉन संक्रमणों के मामलों तुलना में 90 गुना अधिक हो सकती है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद में राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के महामारी विज्ञानी और अध्यक्ष डॉ. जयप्रकाश मुलियाल ने कहा, "डेल्टा लहर के बाद, जो मामलों में उछाल आया है वह ओमिक्रॉन है, जिस भी तरह से आप परीक्षण करें या इसकी पुष्टि करें, यहां पुष्टि की कोई आवश्यकता नहीं है."
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उन्होंने कहा, "वक्र के आकार के बारे में हमें चिंता करने की ज़रूरत है. जब ग्राफ गिरने लगेगा तो हमें पता चल जाएगा कि यह अंत तक पहुंच गया है.
यह पूछे जाने पर कि विशेषज्ञ अधिक परीक्षणों और सटीक संख्याओं के बिना ओमिक्रॉन की वास्तविक सीमा को कैसे माप पाएंगे, उन्होंने कहा कि "हमने इसके साथ रहना सीख लिया है" क्योंकि डेल्टा संस्करण के कारण होने वाली दूसरी लहर के दौरान भी उन्होंने "हमेशा संख्या को मामलों की वास्तविक संख्या प्राप्त करने के लिए लगभग 30 गुणा किया. क्योंकि सबक्लिनिकल संख्याओं पर किसी का ध्यान नहीं जाता है, जिसमें संक्रमित व्यक्ति भी शामिल है.
ओमिक्रॉन के लिए उन्होंने कहा कि हम 60 से 90 वास्तविक मामलों में से हम केवल एक का पता लगा रहे हैं, क्योंकि सब-क्लिनिकल मामले भी काफी बढ़ गए हैं. सख्त लॉकडाउन पर उन्होंने कहा कि हम बहुत लंबे समय तक अपने घरों में बंद नहीं रह सकते हैं और हमें बार-बार इस बात पर जोर देना चाहिए कि डेल्टा संस्करण की तुलना में ओमिक्रॉन बहुत हल्का है.
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