एक्टर विजय की रैली में 41 मौतें: पीड़ितों को मिलेगा इंसाफ या सिर्फ सियासी हिसाब-किताब

Karur Stampede Update: भगदड़ के तीन दिन बाद एक्टर विजय ने चुप्पी तोड़ी लेकिन गंभीर सवालों का कोई जवाब नहीं दिया. इस भगदड़ में 41 लोगों की मौत हुई थी जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे.

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  • मशहूर एक्टर विजय ने कहा कि करूर हादसे की सच्चाई सामने लाने की जरूरत
  • सीएम स्टालिन ने इस हादसे की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं
  • करूर हादसे में 41 लोगों की मौत हुई थी जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे
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करूर:

करूर रैली में भगदड़ के तीन दिन बाद आखिर एक्टर विजय ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने बस इतना कहा कि वो बहुत दुखी हैं. इतना कहने में उन्हें तीन दिन लगे. याद रखिएगा इस भगदड़ में 41 लोगों की मौत हुई थी. मामले की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग गठित किया गया है और कुछ एफआईआर भी दर्ज हुई है.विजय की पार्टी के दो अधिकारी गिरफ्तार हुए हैं.

राज्य की सियासत में घड़ियाली आंसू 

इस हादसे के बाद तमिलनाडु की राजनीति में आरोप प्रत्यारोप और सियासत के घड़ियाली आंसुओं का दौर चल पड़ा है. विजय की पार्टी के लोगों ने अब तक सार्वजनिक रूप से कुछ बोलने के बजाय कोर्ट जाना उचित समझा है. वो कोर्ट से सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं क्योंकि उन्हें हादसे के पीछे साजिश की आशंका है. विजय ने एक वीडियो जारी कर अपने मन की बात कह दी लेकिन बेहतर होता अगर वो एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का सामना करते. वीडियो ही जारी करना था तो कम से कम वो बिंदुवार आरोपों का जवाब देते. खुद नहीं तो कम से कम उनकी पार्टी का कोई नेता ऐसा कर सकता था.क्योंकि सवाल काफी गंभीर हैं? 

भगदड़ के बाद पहली बार एक्टर विजय ने तोड़ी चुप्पी, कहा-ऐसा दर्द कभी नहीं सहा

एक्टर विजय से सवाल
-इस रैली की योजना और आयोजन में उनकी क्या भूमिका थी?
-वो तय समय से लेट क्यों आए?
-क्या जानबूझकर देरी की? 
-क्या वाकई वो पुलिस अफसरों के मना करने के बावजूद रैली स्थल पर गए थे? 
-क्या पार्टी के नेता होने के नाते उनकी कोई नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है? 
-उनकी पार्टी साजिश की आशंका जता रही है तो किस बिना पर?
-और सबसे अहम-क्या विजय पर आपराधिक मुकदमा नहीं चलना चाहिए?

ये वो अहम सवाल हैं जिनके जवाब एक्टर विजय या उनकी पार्टी को देना चाहिए. हकीकत ये है कि एक्टर विजय की पार्टी टीवेके के कई नेता भी मानते हैं कि इस मामले में कुछ ऐसे तीखे सवाल हैं जिनके जवाब उनके पास हैं नहीं.

इसी तरह शासन प्रशासन और राज्य सरकार को भी कुछ सवालों के जवाब देना चाहिए. 

करूर भगदड़ मामले में एक्टर विजय की पार्टी TVK के नेता गिरफ्तार

तमिलनाडु सरकार से सवाल
-पहला सवाल तो यही है कि वो एक्टर विजय के खिलाफ रैली की शर्तों के उल्लंघन का आरोप तो लगा रहे हैं लेकिन उनपर क्रिमिनल केस क्यों नहीं कर रहे? 
-टीवेके के छोटे नेताओं पर एक्शन हो रहा है लेकिन विजय को कोई छू नहीं रहा, ऐसा क्यों?

सच ये है कि राजनीति आरोप-प्रत्यारोप अपनी जगह है लेकिन उन्हें डर है कि अगर एक्टर विजय के खिलाफ पुलिस एक्शन होता है तो उल्टा उन्हें सहानुभूति मिल सकती है. लोग कह सकते हैं कि डीएमके सरकार उन्हें निशाना बना रही है. 

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सीधे विजय पर एक्शन की मांग से क्यों बच रही पार्टियां?
हकीकत ये है कि लगभग हर पार्टी ने विजय के खिलाफ आरोप लगाए हैं लेकिन कोई भी सीधे विजय पर एक्शन लेने की बात नहीं कर रही है. डीएमके की सहयोगी पार्टी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने एक्टर विजय को फोन भी लगाया. इसके अपने सियासी मायने हो सकते हैं. AIADMK ने सीबीआई जांच की मांग तो की है लेकिन एक्टर विजय के खिलाफ एक्शन या उनकी गिरफ्तारी की मांग नहीं की है. छोटी पार्टियां भी अपनी सहूलियत के मुताबिक बयान दे रही हैं. कुल मिलाकर इस मामले में एक्शन कानून के मुताबिक कम और सियासी नफा नुकसान को देखते हुए होगा, ऐसा लगता है. 

कानून सबके लिए बराबर है?
यह हमारे सिस्टम की कड़वी सच्चाई है.  कानून सबके लिए बराबर नहीं है. नेताओं के मामले में कानून अक्सर नरम रुख अख्तियार कर लेता है. नेताओं पर केस अक्सर कानूनी पहलुओं को देखते हुए नहीं, बल्कि सियासी कारणों से दर्ज होते हैं. एक्टर अल्लू अर्जुन के कार्यक्रम में भगदड़ मची तो उनपर मामला दर्ज हुआ लेकिन RCB के जश्न समारोह में मची भगदड़ की जिम्मेदारी से सियासतदानों ने खुद को बरी कर लिया. इस हादसे में भी 11 लोगों की मौत हुई थी. अल्लू अर्जुन के मामले में भी एक्शन उल्टा पड़ गया क्योंकि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री पर आरोप लगे कि वो निजी कारणों से एक्टर को निशाना बना रहे हैं. अपने देश में स्टारडम का यही आलम है. इन्हें कठघरे में लाना मुश्किल है जबकि आम आदमी पर मुकदमा करना और उसे सजा देना आसान है. 

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रैली के निकलेंगे सियासी नतीजे!
इस भगदड़ के बाद भी एक्टर विजय की एक झलक पाने के लिए फैन उमड़ेंगे. एक्टर विजय अगर फिर रैली करेंगे तो ऐसी ही भीड़ आएगी. यहां की पब्लिक है ही ऐसी. और  इसी का फायदा हमारे यहां नेता और अभिनेता उठाते हैं. इस भगदड़ के सियासी नतीजे तो निकलेंगे जरूर, लेकिन ये ज्यादा इसपर बात पर निर्भर करेगा कि टीवेकी इस मामले को कैसे हैंडल करती है. टीवीके की राजनीति आगे क्या शक्ल लेगी, ये घटना तय करेगी. फिलहाल तो इस हादसे ने दिखाया है कि टीवीके की कमजोरियां क्या हैं? ये पार्टी वन मैन शो है.इस संकट की घड़ी में ना तो कोई सेकंड लेयर नेता नजर आता है और ना ही कोई संगठन. हालांकि इससे विजय की लोकप्रियता कम होने वाली नहीं है. एक्टर विजय तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2026 के एक्स फैक्टर हैं. इसीलिए उनपर एक्शन एक सियासी फैसला होगा और इस फैसले के सियासी परिणाम भी होंगे. इसमें 41 लोगों को इंसाफ दिलाना कसौटी नहीं होगी.

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