Farmers Protest : गाजीपुर बार्डर पर यूपी और उत्तराखंड के किसान लगातार पहुंच रहे हैं. लेकिन अब यूपी सरकार पर गाजीपुर बार्डर आने वाले किसानों को रास्ते में पुलिस और प्रशासन के जरिए परेशान करने की बात सामने आ रही है. दिल्ली यूपी बार्डर पर आंदोलन कर रहे हजारों किसानों को गरम खाना बाबा मोहन सिंह के लंगर से मिल रहा है, पहले भुज आपदा में, फिर नेपाल के भूकंप में और हाल में करोना काल में लाखों लोगों को खाना खिलाकर प्रशासन की वाहवाही बटोर चुके हैं...लेकिन अब बाबा मोहन सिंह इस बात से नाराज है कि जैसे ही उन्होंने किसानों के लिए लंगर लगाया तो उनसे फंडिंग पूछी जा रही है, किसानों को खालिस्तानी बताया जा रहा है.
यहां कोई किसान गुड़ दे जाता है, जिसके पास दूध है वो दूध दे जाता है, चीनी आ जाती है...आप भी जो खाते है किसान ही पैदा करता है, अब किसान देता है, तो उसे आप फंडिग समझ लीजिए. हूजूर साहेब गुरुद्वारा, पीलीभीत के बाबा मोहन सिंह का कहना है, "हमने किसान मजदूर के लिए लंगर लगाया है, इससे पहले भुज में लगाया था, नेपाल में चावल भेजा था. ये हमारी सेवा है हमारा धर्म है."
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जैसे पीलीभीत के बाबा मोहन सिंह है, वैसे ही हल्द्वानी से लेकर बरेली और दिल्ली तक फैली उनकी संगत है. यहां महिलाएं दिल्ली से आकर लंगर में सेवा दे रही हैं. लोग अपनी आमदनी का दसवां हिस्सा देने के लिए ये दिल्ली के छतरपुर से यहां आ रहे हैं. उनका कहना है कि हम भी किसान के बेटे है इसलिए सेवा दे रहे हैं.
वहीं बरेली से गन्ना किसान आलमजीत सिंह भी राशन लेकर बाबा मोहन सिंह के पास पहुंचे, लेकिन उन्होंने कहा कि जगह जगह पुलिस रोक रही है और गांव-गांव जाकर पुलिस किसानों को डरा रही है.
आलमजीत सिंह ने कहा, "यूपी पुलिस जगह जगह रोक रही है परेशान कर रही है...कल मुरादाबाद में किसानों को मार कर भगा दिया गया."
पुलिस के जरिए किसानों को रोकने और गांव-गांव जाकर आंदोलन कर रहे किसानों को डराने की बात किसान यूनियन भी कह रही है....लेकिन किसानों के आंदोलन को खुराक मिल रही है और वो फिलहाल झुकने को तैयार नहीं है.